Thursday, January 30, 2020

तेरा मेरे इश्क़ से रूबरू होना

तेरा सबसे जुदा खड़े रहने का अंदाज़
जैसे तिलस्म से किसी पत्थर को तराश देना
तेरे होंठो पे हल्की मुस्कान लाने की अदा
जैसे छोटे बच्चे का चुपके से कोई मिठाई खाना
संपर्क का कोई उपग्रह,जैसे तेरे कानों की बालियाँ
तेरा गुलाबी रंग की साड़ी में चले के आना
जैसे सरसों के खेतों में हवा का सरसरना
तेरे हाथों की मेहंदी का महकना
जैसे मंदिर में धूपबत्ती की खुसबू बिखर जाना
तेरे खुले बालों के साये में आना
जैसे उजले चाँद के साथ गहरी रात का आना
तेरे प्यारे से चेहरे पे तेरी गहरी आँखों का होना
जैसे बहुत सारी सीपों में किसी मोती का मिल जाना
तेरी कलाइ में कंगन का यूँ ठहर जाना
जैसे आसमान में तारों का एकत्रित हो जाना
तेरी उंगलियों में अंगूठीयो का होना
जैसे पुस्तैनी ख़ज़ाने का दिख जाना
तेरे माथे पे छोटी लाल बिंदी का होना
जैसे दौड़ती जिंदगी को कुछ पल रुकने का इशारा किया जाना ।
तेरा मेरे इश्क़ से रूबरू होना
जैसे बेहद खूबसूरत लालगुलाब का पंखुरियों पे ओस की बूँद लिए खिल जाना ।

No comments: