Friday, April 10, 2015

जिस पे तुझे नाज़ हो उसकी ऐसी क़ीमत अदा कर जाऊंगा

लाख खड़ी कर दी तूने मुश्किले तो क्या
तू खुदा है तो मैं भी तेरा ही बंदा हूँ
तू रोज़ ले ले मेरा इम्तिहान , बेमुर्व्वत कर दे मेरी ज़िन्दगी
पर वादा है तुझे ,मैं पीछे नहीं जाऊंगा
शरीर में दौड़ते हर एक बूँद लहू की कसम
अपनी आखिरी साँसों तक लड़ता रहूँगा
तूने जो ज़िन्दगी अता की है ,जिस पे तुझे नाज़ हो
उसकी ऐसी क़ीमत अदा कर जाऊंगा ।

Saturday, April 4, 2015

ज़िन्दगी किसी के लिए रूकती नहीं

किसी के जाने के बाद किसी के बिछड़ जाने पर
सब कहते है ये ज़िन्दगी का उसूल है
ज़िन्दगी किसी के लिए रूकती नहीं
मैंने भी यही कहता हूँ सच है ज़िन्दगी किसी के लिए रूकती नहीं
पर ज़िन्दगी फिर वही नहीं रहती बदल जाती है
कुछ अलग सी हो जाती है