Wednesday, December 14, 2016

Quotes by Raj

1. Your pain, your sorrow should lead you to become the person which you have dreamt for so long. Your suffering should push you to fulfill your ambition.

2. Being successful doesn't mean you haven't lost anything , but it means you treasure the lost thing and have built foundation from it to hold the building of your labour.

3. You shouldn't be miserable to persons who are miserable to you. By doing that you are doing favour to yourself as others respect you for being what you are.

मेरी कहानी की बात ही निराली है।

तुम्हारी वो खट्टी मीठी कुछ कुछ बातें
आज भी दिल को गुद गुदा जाती है
काले काले बादलो के पर जब भी देखता हूँ
तुम्हारे कानो की बालियाँ नज़र आती है
झूमती गुन गुनाति पुरवाई तुम्हारे चेहरे पे
आते बालो की याद ताज़ा कर जाती है
सब ख़ामोशी से कहते है मेरी कोई कहानी नहीं है
मैं भी दबी जुबान से कहता हूँ
तुम्हारा नाम ले कर मेरी कहानी की बात ही निराली है।

मैं आज भी उन कसमो को निभा रहा हूँ तुम्हारे हर दुःख के लिए अपनी ख़ुशी त्याग रहा हूँ 


तुमसे कभी कहा नहीं लेकिन तुम्हारे लिए सिंदूर ले आया था माता के दरबार से 
सुनार से एक मंगलसूत्र बनवा लिया था तुम्हरे लिए अपनी पहली तनखा से 
आज भी तुम्हारी ये सारी अमानत संभल के रखी है अपने पास 
जब सात जनमो की कसम की कोई समझ भी नहीं थी शायद उस समय से ही तुमको अपना मान लिया था 
धर्मपत्नी आर्धन्गिनी इन शब्दों के अर्थ से परे था मेरा रिश्ता तुम्हारे लिए 
तुमने सात फेरे तो किसी और के साथ लिए थे लेकिन उन सात फेरो में मन ही मन मैं तुम से बंध गया था
मैं आज भी उन कसमो को निभा रहा हूँ तुम्हारे हर दुःख के लिए अपनी ख़ुशी त्याग रहा हूँ 

=========================================================
सब समझते है मैं ज़िन्दगी से बहुत कुछ चाहता हूँ 
पर दिल ही दिल में मैं ये जानता हूँ 
मैं ज़िन्दगी से सिर्फ तुम्हे मांगता हूँ 

=========================================================

हर ख्याल में ख्याल आप है 
हर बात में बात आप है 
हर रात की नींद में ख्वाब आप है 
हर दिन की सुबह में सूरत आप है 
हर ग़ज़ल की पंक्ति आप है 
हर सोच की सोच आप है 
हर इश्क का कलमा आप है 


उम्मीद

तुम से उम्मीद बहुत थी
पर तुम मेरी उम्मीदों तक पहुची नहीं
जितना बाकि लोगो ने समझा मुझे तुम उस से ज्यादा समझ पायी नहीं
मेरे अंदर मुझको ही तुम ढूंढ पायी नहीं
जितनी फ़िक्र मेरी ज़माने को थी उतनी ही फ़िक्र तुम कर पाई मेरी
मेरी तकलीफो में मेरा साथ तुम दे पाई नहीं
जब मेरे पास होना था तुम्हे तब तुम मुझे तनहा कर गई

Monday, October 24, 2016

तेरी ख़ामोशी ने तोड़ दिया

शिकायतें तो बहुत है तुझसे,
पर तुझसे गीले शिकवे करना मेरी आदत नहीं
व्यापार किया होता तो बही खता ले के बैठ जाता ,
मोहबत में कँहा नफे नुकसान का हिसाब होता है

मोहबत में तेरी रुस्वाई भी कबूल थी
बस इतना कह देती मैं तेरी नहीं
मैं तुझसे सुनना चाहता था तू क्या चाहती है
खामोश रह कर तूने सब जाहिर कर दिया
मुझे तेरी रुस्वाई से ज्यादा तेरी ख़ामोशी ने तोड़ दिया

Tuesday, September 27, 2016

Dairy Page : 26/09/2016

मैं और पूनम जी लंबे अरसे से साथ है । पर रोज़ जैसे पूनम जी की एक एक खूबियों से वाकिफ होता हूँ । कल रात की ही बात ले लो , हम दोनों ने साथ खाना खाया, जो की पूनम जी ने ही अपने हाथो से मुझे खिलाया ।
उसके बाद पूनम जी चले गयी अपना किचन समेट ने के लिए। और इधर मैं लग गया अपने लैपटॉप पे काम करने के लिए, पर अंदर ही अंदर ख्वाहिश थी की पूनम जी हमारे पास आ के बैठे । इतने में ही पूनम जी हमे सरप्राइज कर के हमारे पास आ गयी , मेरे गालो पे अपनी नरम हथेलि को रख के बोली राजू जी कितना काम करोगे , अब आराम भी कर लो ।
और धीरे से लैपटॉप की स्क्रीन बंद कर के मेरा सर अपनी गोद में ले के मेरे बालो को अपनी उँगलियों से सहलाने लगी। पूनम जी कभी कहा नहीं आप से ,लेकिन this is the best feeling in world for me। आप को बताएं आप की उन नरम हथेलियो का वो एहसास , वो आप की हथेलियों से आती आप की खुसबू हम हमेशा महसूस करते है ।
आप से कितना भी प्यार और फ़िक्र मिले जाये लेकिन लगता है और मिले ।
बस यही है मेरी पूनम जी , पता नहीं कैसे दिल की बात समझ लेती है, लगता है जैसे मेरा दिल और दिमाग उन के जिस्म में है । शायद यही तो वो मोहबत है जो आज कल के ज़माने में गुमशुदा है ।
पूनम जी साथ होती है तो खुद पे गर्व करने लगता हूँ। लगता है जैसे दुनिया क सबसे खुशकिस्मत इंसान हूँ।

Thank you पूनम जी मुझे इतना बेइंतेहा प्यार करने के लिए।

Friday, July 22, 2016

You

I wish to love you like, nobody has ever loved you.
I wish to kiss you like, nobody has ever kissed you.
I wish to hug you like, nobody has ever hugged you.
I wish to make you smile like, nobody has ever made you smiled.
I wish to care for you like, nobody has ever cared for you.
I know you are married, but what your marital status has to do with my true feelings.
It's the true & pure love for you in my heart, which I am expressing.
I have two options, one is burying my feelings deep in my heart & live with a regret.
Second is to open my heart, let the feelings flow like a river.
I choose the second option.
My love for you is beyond the norms set by society,
But why should I adhere to the norms of society.
I & You have been awarded with just one life,
And I want to make the life count.
You respect my feelings or not that's up to you.
but by expressing my love for you, I have raised my stature in my eyes.
I can now face the mirror, where I will see my face brimming with courage
with no traces of fear & unapologetic love for you in my eyes.

Friday, July 15, 2016

शेख़ भाई की चाय

" फिर बारिश के मौसम में बरसते पानी को देख कुछ पुरानी यादों को ताज़ा कर तुझे याद कर लेना मेरा
तेरी एक झलक देखने के लिए भीगे भीगे शेख़ भाई की टपरी पे पहुंचना मेरा
कांच की गिलास में गरम गरम चाय की चुस्की लेते हुए
रेनकोट में सिमटी हुई बारिश की कुछ कुछ बूँदे चेहरे पे लिए हुए स्कूटी पे पीछे बैठे हुए दिख जाना तेरा
दुआ कबूल हो जाने की ख़ुशी में फिर सब दोस्तों के लिए कसीस वाली चाय का आर्डर देना मेरा
बिना किसी रिश्ते के भीगे मौसम में यूँ तुमसे रिश्ता बन जाना मेरा "

Wednesday, July 6, 2016

तसल्ली


माना आप से मोहबत की थी बेपनाह 
पर बदले में कुछ माँगा नहीं था 
सारी खुशी तुम्हारे नाम लिखी थी
दुखो का हिसाब मेरे पास रखा था
आप से कभी कोई उम्मीद नहीं रखी थी
पर आप की कोई उम्मीद नाउम्मीद नहीं की थी
दुःख तड़प दर्द सब मेरे सीने के बाशिंदे थे
तुम्हारे हृदय को सिर्फ प्यार से सींचा था
तुम को चाहने के लिए दुनिया को छोड़ चूका था
तुमसे सिर्फ एक तसल्ली चाहता था
तसल्ली की तुम्हारे दिल में कहीं एक ख्याल मेरा भी था
कहीं किसी कोने में दबी हुई सहमी हुई एक फ़िक्र मेरे लिए भी थी
धुंधली ही सही पर मुझे एक झलक देखने की आस तुम्हारी आँखों को भी थी
आँशु का एक कतरा आँखों के किसी कोने में मेरी तक़लीफ़ के लिए था
तुम्हारी बनायीं हुई रोटी में एक निवाला मेरे लिए भी था
तुम्हारी किसी हिचकी में मेरी एक याद थी
तुम्हारे लबो पे कभी पुकारने के लिए मेरा नाम भी था
तुम्हारे गहनों के डब्बे में मेरे नाम लिखा एक ख़त तो था
जो बातें तुम मुझ से से कह नहीं पायी जो बातें मैं तुमसे सुन नहीं पाया
वो सारी बातों का ज़िक्र तुम्हारी डायरी में था
तुम्हारी अलमारी में मेरी पसंद की हुई साड़ी आज भी थी
मैं तुम्हारे लिए रोज़ मर रहा था
और तसल्ली ये की तुम मेरे लिए जिए जा रही थी

Sunday, July 3, 2016

रोज़ रोज़ अपने दिल को यूँ समझाना अब मुनासिब नहीं ।

हम फिर आज वही आ गए जहां से शुरू किये थे... मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था , आप खुश थी या आप की फिर कोई और ही मज़बूरी थी । कुछ बदले बदले हालात हो गए थे , आप के और मेरे दरमियाँ ।
एक बात तो तय थी मेरी भावनाएं जहां थी आप वहाँ तक पहुंच ही नहीं पाई थी
आप भी दुनिया के मायनो पे चल थी सिर्फ ऊपरी सतह पे , आप मेरे इश्क़ मेरी मोह्बत की गहराई समझ ही नहीं पाई ।
या फिर समझ के भी नासमझ बन गयी । कसूर किसका था मेरा , मेरी मोह्बत का या मैं गलत सदी में आ गया था ।
आप वो तो नहीं रही जिस से मुझे इश्क़ हुआ था । आज जानता हूँ आप बहुत दूर जा चुकी है , दिल तो बहुत बार करता है आप को रोक लू , अपने आप से दूर जाने ना दू । लेकिन ये भी समझता हूँ मैं आप का कुछ भी नहीं , आप रुक भी गयी तो मेरी होकर नहीं रह सकती । ऐसे में आप को पा भी लिया तो क्या , हासिल करना ही तो मतलब नहीं ।
मुझे आप का साथ चाहिए जरूर था लेकिन ऐसे नहीं । आप का साथ ऐसे चाहिए था की हम दोनों में शब्दों की जरुरत ना हो , मैं कुछ ना बोलू और आप समझ जाये , आप कुछ ना बोले और मैं समझ जाऊ ।
पर अफ़सोस मुझे हर बार शब्दों का सहारा लेना पड़ा ।
आप के साथ ऐसे रहने से बेहतर होगा मैं आप से दूर चला जाऊ , ताकि मेरे ख्वाबो ख्यालो में जो आप की तस्वीर है वो बरक़रार रहे ।
रोज़ रोज़ अपने दिल को यूँ समझाना अब मुनासिब नहीं ।

Wednesday, June 15, 2016

The fault is within me

You came close to me, You loved me, you cared for me.
All of a sudden you stopped coming close to me, loving me and caring for me.
Once my days were starting with " Good morning " messages from you & nights were filled with " Good night, sweet dreams" messages from you.
Your love turned me into a hopeless teenager. Now that you have left me, I am by me all alone.
I don't even know whether to cry or help myself.
My heart is teared apart. My voice, my words, my feelings are trapped inside.
I have no one to bank upon nor any shoulder to cry and wipe my tears.
The fault is within me, that's the sinking feeling, I am left with.

Tuesday, June 14, 2016

सच्ची मोहबत हमेशा तन्हा होती है

दिल कुछ भारी भारी हो जाता है
जब जब मैं आप से नफरत करने की कोशिश करता हूँ
जाने क्यों मोहबत में उम्मीदें पूरी होने की दुआ कर बैठता हूँ
मोहबत में कँहा किसी की उम्मीदें पूरी होती है
और जिस की होती है फिर वो कँहा पाक मोहबत रहती है
जिस दिन मोहबत को आज़ाद कर दिया उम्मीदों से
मेरी मोहबत को एक नई साँसे मिली और मेरे बंधन खुल गए
माना सच्ची मोहबत में उम्मीदें होती है , जलन होती है
पर एक हक़ीक़त ये भी है ,सच्ची मोहबत हमेशा तन्हा होती है

Friday, June 10, 2016

फुरकत ( Separation)

माना फुरकत ( अलग होना, separation ) ही थी हमारे रिश्ते की मंज़िल
पर जितना भी साथ चले , वो पल यादगार रहे।
तुम शुरू से आखिरी तक कुछ ना बोली
और मैं कभी चुप ना हुआ
तकलीफ शायद तुम को भी बहुत हुई ,
पर तुम ने कभी जाहिर नहीं की
और मेरे लिए मुमकिन नहीं सीने में दबाए रखना
ये हिज्र ( दुःख ) की काली रात हम दोनों के लिए थी
तुमने उस काली रात को काजल बना आँखों में लगा लिया
और उस काली रात का स्याह चादर लपेट सर्द रातों को जागता रहा
जो हुआ अच्छा हुआ
पर फिर मैं वो नहीं रहा ,जो हुआ करता था
तुम वो ना रही है , जो तुम थी
बस हम दोनों ने दर्द के साथ जीना सिख लिया

Wednesday, June 8, 2016

​​" और कुछ नहीं "

​​" और कुछ नहीं " ये अल्फ़ाज़ होते थे हमेशा
वक़्त ऐ रुक्सत अलविदा कहने के लिए
और मैं समझ जाता था उस " और कुछ नहीं " ​ में
दबी हुई उनकी फ़िक्र और बेइंतहा मोहबत मेरे लिए
जानता था वो ज्यादा कुछ और कहेंगी नहीं
उनके बंधन उनकी मज़बूरी बखूबी पता थे मुझे
मैं अपना सार दिल निकल उनके सामने रख देता
और वो एक खिड़की भी खुली नहीं छोड़तीं थी अपने दिल की
ये थी मेरी और उनकी इश्क़ की दास्ताँ
मैं पूरी किताब लिख देता तो भी अधूरा था
और वो चंद अल्फाज़ों में पूरी थी ।

वफ़ा बेवफा के इलज़ाम तब भी होंगे पर तुम मुझसे और मैं तुमसे कभी जुदा नहीं होंगे

सारे रास्ते एक एक कर बंद हो गए
सारी कोशिश नाकामयाब रही
ना तुम मुझसे मिल सकी
ना मैं तुमसे मिल सका
बातें हमारी जंहा थी वहीं रही
दिल के दर्द को नापने का कोई माप ना रहा
तरसते तरसते तुम्हारे लिए
मेरी मोह्बत को फकीरी लग गयी
टूटने का आलम ये था पत्थर भी शर्मिंदा थे
पर्याय था बस जैसे हो हालात को काबू किया जाये
पर तक़दीर को ये भी रास ना आया
मेरे जिगर के लहू से समझौता तैयार किया गया
मैं नहीं था पर मसौदा था
पढ़ते पढ़ते उसने हर शब्द पे बेवफा कहा
अफ़सोस उस की उँगलियाँ मेरे लहू को छू कर भी पहचान ना पाई
और मैं सोचता रहा ता उम्र हम दोनों की रगो में एक खून दौड़ता है
खैर इस जनम के लिए अजनबी अंजान सही
पर कभी तो न्याय होगा
फिर किसी दूसरे जनम में यहीं से शुरू करेंगे जहाँ से छूट रहा है
वफ़ा बेवफा के इलज़ाम तब भी होंगे पर तुम मुझसे और मैं तुमसे कभी जुदा नहीं होंगे ।

Thursday, May 5, 2016

अजीब था तेरा और मेरा रिश्ता

कितना अजीब था तेरा और मेरा रिश्ता
मैं सोचता था तेरे लिए और तुझे दुनिया की पड़ी थी
मुझे तेरी फ़िक्र थी और तुझे दुनिया की
मैं तेरी ख़ुशी के लिए अपनी ख़ुशी छोड़ देता
और तू किसी और के लिए खुद की ख़ुशी
मेरी ज़िन्दगी में सबसे ज़्यादा मायना तेरा था
और तेरी ज़िन्दगी में मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं था
तू मुझे मिल जाती तो मुझे किसी की जरुरत नहीं थी
और तेरे पास मैं था फिर भी मुझे छोड़ तुझे बाकि की जरुरत थी
तुझसे एक बार बात हो जाये तो मेरा दिन और दिल दोनो बन जाते थे
और मेरी बातें तेरे लिए चंद शब्दों से ज्यादा कुछ नहीं थे
तेरे होने ना होने का पता मुझे मेरी धड़कने बता देती थी
और तेरी धड़कने मैं अब तक सुन नहीं पाया था
मैं तुझे देख अपनी सारी तकलीफें भूल जाता था
और तू अक्सर मुझे भूल जाती थी
मैं तड़पता रहता था तेरा एक मैसेज पाने के लिए
और तेरे पास वक़्त नहीं था मुझे जवाब देने के लिए
तूने मेरे बारे में कभी सोचा नहीं
और मैंने तेरे अलावा कभी कुछ सोचा नहीं
तेरे हर आँशु की कीमत पता थी मुझे
और मेरे आँशु तेरे लिए खारे पानी से ज्यादा कुछ नहीं थे
कितना अजीब था तेरा और मेरा रिश्ता
तूने मुझे कभी अपना माना नहीं
और मैंने तेरे सिवा किसी और को अपनाया नहीं

मेरे मज़हब का मैं पहला पैग़म्बर बन गया

माना मेरे और तुम्हारे रिश्ते का कोई नाम नहीं
लेकिन हर रिश्ते का नाम हो ये भी तो जरुरी नहीं
जाने कब मेरे जन्म का धर्म छूट गया मुझसे
तुम से मोहबत मेरा नया मज़हब बन गया
एक मंगलसूत्र और सात फेरे से तुम किसी और की हो गयी सात जन्मों के लिए
कई कल्पो की मेरी मोह्बत , तुम को एक पल के लिए भी मेरी नहीं कर पाई
तुम खुश थी कहीं और किसी और के साथ
और मैं तड़प रहा था तुम्हारे लिए
जाने कितनी बार तुमसे कुछ कहना चाहा
लेकिन हर बार बात कल पे आके रुक गयी ,
वो कल जो कभी आया ही नहीं
जो बात अधूरी थी वो अधूरी रह गयी
मेरी हर कोशिश नाकाम रह गयी
ना तुम से पूरा कह पाया ना तुम से पूरा सुन पाया
अफसोस तो ये था, तुम्हारे लिए ज़माने के दस्तूरो का महत्व था
लेकिन मेरी अनमोल मोह्बत का कोई मूल नहीं था
मैं तुम्हारे लिए करना बहुत कुछ चाहता था
पर सब ख्यालो में रह गया
मेरा और तुम्हारा ये किस्सा सिर्फ ज़ुबानों पे रहा
हक़ीक़त ना बन पाया
मेरा जो इंतज़ार था वो इंतज़ार ही रहा
और मेरे मज़हब का मैं पहला पैग़म्बर बन गया

रचना का जन्मदिन था

आज रचना का जन्मदिन था ,सुबह से दिमाग में भी था लेकिन ऑफिस के काम के चकर में ऐसा फसा की रात के १२ बजे गए ।
मैं उस को wish भी नहीं कर पाया था , पता था वो मेरा इंतज़ार कर रही होगी ।

घर पंहुचा तो देखा रचना और माँ बैठ के मेरा इंतज़ार ही कर रहे थे । बैग रखते ही माँ बोली जा रचना के साथ कुछ खा ले , उस ने कुछ खाया नहीं है, सुबह से तेरा इंतज़ार कर रही है ।

मुझे खुद पे बहुत गुस्सा आया लेकिन तभी रचना मुझे किचन में ले आई । जल्दी जल्दी के चक्कर में मैं केक लाना भी भूल गया था , लेकिन किचन के प्लेटफार्म पे देखा एक छोटा सा केक बन रख हुआ था ,रचना ने अपने बर्थडे के लिए केक भी खुद ही bake कर लिया था घर पे ।

केक का छोटा सा टुकड़ा मेरे हाथो में देते हुए बोली अब खिला भी दो सुबह से wait कर रही हूँ.. बहुत ज़ोरो की भूक लग गयी है।

मेरी आँखों में पानी आ गया था । अपने हाथो से रचना को केक खिलाया और और उस के होठो पे जो केक लग गया था ,रचना को kiss करते हुए मैंने थोड़ा खा लिया और रचना को कस के अपने सीने से लगा लिया ।पता नहीं हम दोनों एक दूसरे से गले लग के रोते रहे । हम दोनों जानते थे की हम एक दूसरे से कितनी मोह्बत करते है इसलिए हमे कभी शब्दों की जरुरत पड़ती ही नहीं थी ।

अब वक़्त था रचना के कुछ और surprises का ,मोबाइल ऑन किया तो देखा रचना के मैसेज , बहुत सारे एक एक लाइन के ।
सारे मैसेज में मेरी और उसकी कुछ ख्वाहिशें लिखी हुई थी ।
जैसे जैसे मैसेज पढ़ते गया मेरे चेहरे पे हंसी और भी गहरी होती गयी ।

१. साथ में पाकिस्तान घूमने जाना
२. रोज़ खाने का एक निवाला एक दूसरे को खिलाना चाहे जो भी परिस्थिति रहे
३. उस के चाय के कप की पहली चुस्की मेरी और मेरे कप की उसकी
४. हर महीने उस के लिए कांच की चूड़ियाँ लाना
५. हर वीकेंड उस की पसंद की एक मूवी साथ में देखना
६. हर महीने के एक दिन मेरी पसंद की ग़ज़ल साथ में सुनना

ऐसी ही और भी बहुत सारी ख्वाहिशें लिखी हुई थी । ये रचना थी मेरी रचना , क्या surprise कर दे , surprise दे दे कुछ कह नहीं सकते ।

Tuesday, April 12, 2016

​मैं बंधन में था या बंधन मुझे में

​मैं बंधन में था या बंधन मुझे में
मैं पूरा था फिर भी अधूरा था
बहुत कुछ कहना चाहता था पर खामोश रहा
जिस का इंतज़ार था वो इंतज़ार ही रहा
अपनी उलझनों में उलझा दूसरों की उलझने दूर करता रहा
हटके जीना चाहता था पर हट ना सका
खुद को खो के खुद को ढूंढता रहा
कभी दोराहे पे कभी चौराहे पे रहा
हर राह ​से अपनी मंज़िल को पाता रहा
पर मैं अपने मक़सद से मक़सद मुझे मुझसे अंजान रहा
हासिल बहुत कुछ था फिर भी खाली था
जो शुरू नहीं हुआ था उस का अंत आ गया था
जो टूट गया था वो कभी जुड़ा ही नहीं था
मैं रुका था फिर भी चल रहा था
मैं ज़िंदा था या कुछ एहसास ज़िंदा थे जानता नहीं
पर अंदर बहुत कुछ ज़िंदा है यही बहुत था

Tuesday, February 9, 2016

कुछ ख्याल

तुम से कहा बहुत बार तुमने माना एक बार नहीं, वक़्त तुम्हारे पास था तुम्हारे साथ था । मेरा वक़्त रेत की तरह मेरे हाथो से फिसल रहा था , मैं ज़िन्दगी को कुछ ऐसे जी रहा था जैसे हर दिन मेरा आखिरी हो , मेरी हर सरकती साँसों में बस तुम्हारे लिए ये पैग़ाम था की मैं तुमसे मोह्बत करता हूँ बेइंतेहा मोह्बत । मैं तुम्हे यकीन नहीं दिला रहा था बस अपने दिल के आखिरी पन्नो में भी तुम्हारे लिए अपनी मोह्बत को अमर कर रहा था । कुछ अधूरा था क्या मेरी इबादत में जो हम मिल ना सके या फिर सच्चे इश्क़ की यही मंज़िल होती है ये सब अब कुछ ठीक से कह नहीं सकता , आज मंज़िल की नहीं बस मैं राह की फ़िक्र में था ।
तुम्हारे लिए मोहबत भरी इन राहो का मैं जी भर लुफ्त उठा रहा था ,ऐसी राहें जहां मुझे कुछ साबित नहीं करना था ,सिर्फ चलते जाना था । सच कहूँ तो इसका कुछ अलग ही मज़ा था ,एक नया अनुभव था । अब तक मेरा ज़ोर मोह्बत में शिदत को था ,पर जाना की मोहबत में शिदत से ज्यादा रवानगी का होना जरुरी है । तुमसे इस मोहबत के सफ़र में बहुत कुछ सीखा बहुत कुछ जाना खुद के बारें में भी ,पहले से एक बेहतर इंसान बना । जानता नहीं मेरी इस शिदत को इस रवानगी को दुनिया कैसे आंकेगी ,हो सकता है कुछ लोग मुझे नाकाम आशिक़ भी कहे । लेकिन ये भी दावे से कह सकता हूँ की मैं मोह्बत की एक नयी मिसाल छोड़ के जाऊंगा ।
जीते जीते ना सही मर कर ही सही मेरी मोह्बत को एक मुक़म्मल अंजाम दे जाऊंगा ,मेरी हस्ती कुछ ना सही पर तुम्हारे लिए मोह्बत का एक नया शिखर छोड़ जाँऊगा ।

Wednesday, January 20, 2016

अधूरा रह जाता

राह में चलते चलते हर पड़ाव को मंज़िल समझ लेते
तो सफर अधूरा रह जाता
हर प्यार को मुक़मल इश्क़ समझ लेते
तो सच्चा इश्क़ अधूरा रह जाता
हर तक़लीफ को जीवन का अंत समझ लेते
तो जीना अधूरा रह जाता
हर आँशु को दुःख समझ लेते
तो हर ख़ुशी अधूरी रह जाती
हर अधूरे को अधूरा समझ लेते
तो जीवन का पूरा होना अधूरा रह जाता

Thursday, January 7, 2016

मेरे और तुम्हारे बीच रिश्तो की एक नयी परिभाषा लिख सके

शायद अब भी कँही हो तुम दिल दिमाग में
जा के भी जाती नहीं हो तस्वुर से
कल फिर खवाबो में आई थी वो बातें पूरी करने के लिए जो हमारे बीच अधूरी रह गयी थी
देखा था तुम को ट्रैन में मेरे ही पीछे खड़ी थी
तुम देख रही थी की कैसे मैं ट्रैन से उतर रहा हूँ
कुछ फ़िक्र दिख रही थी तुम्हारे चेहरे से पर जाने मैं किस अलग धुन में था
की देख के भी अनदेखा कर दिया
तुम को जो बातें करनी थी होनी थी हमारे बीच वो फिर अधूरी ही रह गयी
मैं तुम को पीछे छोड़ते हुए आगे चला गया
शायद उस वक़्त की तलाश में जो मेरे और तुम्हारे बीच रिश्तो की एक नयी परिभाषा लिख सके

हम एक दूसरे के होगें

पाप और पुण्य का फैसला करने वाले मेरे बारें में
क्या फैसला करेंगे मैं नहीं जानता
लेकिन तुम्हारी फ़िक्र करना पाप है तो ये मैं हमेशा करता रहूँगा
जानता हूँ तुम किसी और की हो गयी हो
लेकिन राधा भी तो किसी और की हो गयी थी पर वो कान्हा से कँहा जुदा थी
मेरे प्रेम ने तुमसे कोई उम्मीद नहीं बांध रखी है
पर जब मुमकिन हो तुम्हारे सीने से लग के आंशुओ की एक अविरल धारा बहाना चाहता हूँ
ताकि फिर मेरी भावनओं को शब्दों की कोई गुंजाइश ना रहे
ये शायद मेरा आखिरी खत रहे तुम्हारे लिए
तुमसे बस इतना कहना चाहता हूँ
की तुम हमेशा मुझे प्रिय थी और हमेशा रहोगी
तुम्हारे हर दुःख में मैं ज्यादा दुखी रहूँगा और सुख में सुखी
मेरी हर दुआ में एक दुआ तुम्हारे लिए होगी
और इंतज़ार रहेगा उस एक दुनिया का
जंहा इस दुनिया से अलग हर बंधन से मुक्त
हम एक दूसरे के होगें

परी हो तुम

परीकथाओं में जो सुनी थी वो परी हो तुम
सजदे में जो कबूल हुई वो दुआ हो तुम
जिस को देख के दुनिया भूल जाने का मन करे वो हो तुम
अच्छाई में दुर्लभ अच्छाई हो तुम
खुद की एक नेक बंदी हो तुम
जिस की एक मुस्कान पे हर सुख मिल जाये वो हो तुम
जिस के जनम से संसार में ही नहीं देवलोक में भी
प्रसनता और सुवर्णकान्ति फैल गयी वो हो तुम

वो ज़िन्दगी भी हमारी होगी

मेरे संघर्षो पे इतना खुश न हो ऐ ज़िन्दगी
वो तो हम तेरी तसल्ली के लिए तेरी शर्तो पे जी जा रहे है
जिस दिन हम अपनी ज़िद पे आ गए
उस दिन हर ख़ुशी भी हमारी होगी हर शर्त भी हमारी होगी
और वो ज़िन्दगी भी हमारी होगी.