Tuesday, April 30, 2013

सवाल जवाब

सब सवाल करते है , तुम उस से दूर हो वो तुमसे दूर है
तुम उस से बरसो से मिले नहीं वो तुमसे बरसो से मिली नहीं
सालो से तुम ने उस से देखा नहीं सालो से उस ने तुम्हे देखा नहीं
ये कैसी मोह्बत है
मैंने कहा आप सब के सवाल में ही जवाब है
यही तो मोह्बत है


Friday, April 26, 2013

जो आप से हमने कभी कहा नहीं

आप से कभी कहा नहीं लेकिन आप को पहेली बार देखते ही आप से प्यार हो गया था | जाने कितनी बार आप से सिर्फ बात करने के लिए कोई न कोई बहाना ले के आप के पास आया करता था | आप से वो कॉलेज में नोट्स माँगा ना बस तुमसे बात करने का इक जरिया हुआ करता था | आप को देख कर कॉलेज के दिनों में ही ग़ज़लों से दीवानगी हो गयी | आप के खयालो में जाने कितनी दफे जगजीत सिंह और गुलाम अली सुनते रहे | आप को सोचते हुए उन ग़ज़लों की रोमानियत कुछ और ही बाद जाया करती थी | हम खुद कभी समय पे कॉलेज जाने के लिए नहीं उठ लेकिन पता होता था की आप कॉलेज टाइम पे जाती है , तो बस आप की एक झलक पाने के लिए हम चले जाते थे शेख भाई की चाय की दूकान पे , आपकी एक झलक के लिए शेख भाई की जाने कितनी कशिश वाली चाय पि लेते थे हम | जब कभी हमारे दोस्त आप के घर जाते थे और वापस आके आप क बारें में बताते थे हम बहुत खुश हो जाया करते थे लेकिन अन्दर ही अन्दर थोड़ी जलन भी होती थी | और वो कमीने दोस्त हमारे जानते थे इसलिए और जलाते थे हम को | मोह्बत तो बहुत की आप से और आज भी उतने ही मोह्बत है बस आप को कभी हासिल करने की कोशिश नहीं की | इसलिए कभी आप से कुछ कहने की जरुरत ही महसूस नहीं हुई | क्यूँ की दिल के अन्दर हम आप को अपना मान चुके थे | हमारे लिए तो इतना ही काफी था की आप से एक बार बात हो जाये , और जब भी ऐसा हो जाता उस दिन हमारी दिवाली ईद सब हो जाती | फिर समय की बीतने के साथ आप से हमारी दोस्ती हो गयी और आप हमारी मोह्बत और बेस्ट फ्रेंड दोनों हो गयी | फिर तो आप की ख़ुशी और मुस्कराहट हमारे लिए दुनिया की सबसे अहम् चीज़े हो गयी | ऐसे ही समय का चक्र आपनी गति से चलता रहा और एक दुसरे से मिलो दूर हो गए | फिर तो रोज़ आप को ईमेल करना जैसे हमारा रूटीन हो गया , कभी ईमेल नहीं कर पाए तो लगता था जैसे कुछ छुट गया है , अधुरा अधुरा सा लगता था |
आप से रोज़ पूछ तो लेते थे की कैसी है आप क्या खाया आप ने लेकिन मन ही मन जानते थे , हमे तस्सली नहीं हो पाती थी | भगवन से यही मांगते थे की भगवन जी कुछ ऐसी शक्ति दे दे की हम आप को सिर्फ एक बार देख ले आपनी आँखों से जी भर के , तो कुछ हम को भी चैन आ जाये | खैर अब तो आदत ही डालनी पड़ी की आप अगर कह रही है तो अच्छी ही होंगी आप , फिर भी रोज़ जब तक आप से कह ना दे की आप अपना ख्याल रखना लगता नहीं की हमारा काम पूरा हो गया है |
एक बात सच सच कहे आप से आज भी आप के ईमेल पड़ के दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है , जब कभी आप मिस यू या लव यू लिख देती है लगता है जैसे सारी दुनिया हमे मिल गयी हो | आप भी सोचो गी कैसा पागल है , लेकिन हम ही नहीं पता कब आप से इतनी गहरी मोह्बत हो गयी , आप दूर हो इतनी फिर भी लगता है जैसे हमेशा हमारे पास है आप | रोज़ शुभ जब चाय बनाते है तो एक कप आप के लिए भी बरस्बर बन ही जाती है | हमारे खाने की थाली में जो पहला निवाला होता है वो आप के नाम का होता है | जब कभी कोई सायरी लिखते है सारे ज़िक्र आप के होते है | जब भी कभी कोई फिल्म देखते है तसवुर में आप होती है |
किसी भी ग़ज़ल की लाइन लगता है जैसे आप के लिए ही लिखी गयी हो | जब कभी अपना व्रत तोड़ने जाते है , वोही| व्रत याद आ जाता है जब आप ने अपने हाथो से हमे खाना खिला के हमारा व्रत तोडा था | आप के हाथो की वो लाल अगुन्ट्ठी आज भी खाने के हर निवाले के साथ दिखती है , लगता है जैसे आप अपने हाथो से हमे खाना खिला रही हो जैसे |जब भी आप की कोई तस्वीर देख लेते है लगता है जैसे आप सकछात हमारे सामने आ गयी हो , हर बार आप की तस्वीर देख के आप से हमे फिर मोह्बत हो जाती है | आप की वो काले रंग की साडी , हाय क्या कहे आप किसी परी से कम नहीं लगती | आज भी जब कभी आप का कॉल आ जाता है , आप की वो खनखनाती आवाज़ जाने कितने दिनों तक मेरे कानो पर पड़ती रहती है , आप के साथ होने का एहसास हमेशा मेरे पास होता है साथ होता | रात को ऑफिस से घर जाते समय लगता है जैसे आप मेरे साथ साथ तारो पे चल के आ रही है | कभी कभी तो तारो को जोड़ जोड़ के आप का चेहरा बना लेता हूँ , आज भी मेरा घर आप की खुसबू से महका महका रहता है |
जनता हूँ आप किसी और की धर्मपत्नी है लेकिन मेरा तो आप से एक पवित्र रिश्ता जिसको कोई नाम दे कर मैं अपवित्र नहीं करना चाहता हूँ |
आप मेरे लिए क्या है आप ये बखूबी जानती है , आप ने जो हमारी भावनाओ को जगह दी है उस के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है आप से कहने के लिए |कोशिश करता हूँ और करता रहूँगा की आप के लिए जो मेरे सीने में मोह्बत है वो आप को बता सकू लेकिन शब्दकोष कम पड़ जाता है |
बस आप से इतना कह ना चाहता हूँ आप से ही मोह्बत का सच्चा अर्थ समझा है , और मेरी जो सारी मोह्बत है वो बस आप की ही अमानत है |
आप के लिए इतनी इज्ज़त इतनी मोह्बत इतनी फ़िक्र है की, किसी और के लिए वो जगह कभी हमारे दिल में हो नहीं सकती |
आप से मोह्बत करने के लिए एक ज़िन्दगी भी कम है , मैं हर जनम में आप से ही मोह्बत करने की हसरत ले के जन्म लेता रहूँगा |

बस इतना कहना चाहूँगा आप से मोह्बत है बेंतेहा मोह्बत है

Thursday, April 11, 2013

अपनी ज़िन्दगी को कामयाबी की एक नयी मिसाल बना सकू

एक अरसा बिता दिया तेरे इंतज़ार में हमने इस आसियाने में
अब वक़्त आ गया था एक नए मुसाफिरखाने की तलाश का
तेरे बगैर घर तो जिस को कह नहीं सकते पर शायद दो पल मिल जाये जहाँ सुकून के
तुझ से जुदा तो नहीं पर तुझ से अलग हो के खुद को समझ सकू खुद को संभाल सकू
क्यूँ इतना बिखरा बिखरा भटकता रहता हूँ इस सवाल का जवाब पा सकू
अब मन भी कहता है बहुत हो चूका इस जगह का दाना पानी
किसी नयी जगह चलते है जन्हा कोई न हो जाना पहचाना
हर एक चेहरा हो अंजना सा
अब तक तो हर चेहरे में तुम्हारा ही चेहरा देखा था
पर अब अनजान चेहरों में तुमसे अलग अपना कोई चेहरा देख पाऊ
जो बिखरी बिगड़ी हुई सी ज़िन्दगी है मेरी
उस को एक नए सिरे से फिर एक डोर में पिरो सकू
तेरा इंतज़ार कामयाब हुआ या नाकामयाब ये तो नहीं कह सकता
पर हाँ कोशिश यही है अपनी ज़िन्दगी को कामयाबी की एक नयी मिसाल बना सकू

Thursday, April 4, 2013

कुछ दिल का हाल


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तुमसे कभी कहा नहीं लेकिन तुम्हारे लिए सिंदूर ले आया था माता के दरबार से
सुनार से एक मंगलसूत्र बनवा लिया था तुम्हरे लिए अपनी पहली तनखा से
आज भी तुम्हारी ये सारी अमानत संभल के रखी है अपने पास
जब सात जनमो की कसम की कोई समझ भी नहीं थी शायद उस समय से ही तुमको अपना मान लिया था
धर्मपत्नी आर्धन्गिनी इन शब्दों के अर्थ से परे था मेरा रिश्ता तुम्हारे लिए
तुमने सात फेरे तो किसी और के साथ लिए थे लेकिन उन सात फेरो में मन ही मन मैं तुम से बंध गया था
मैं आज भी उन कसमो को निभा रहा हूँ तुम्हारे हर दुःख के लिए अपनी ख़ुशी त्याग रहा हूँ

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सब समझते है मैं ज़िन्दगी से बहुत कुछ चाहता हूँ
पर दिल ही दिल में मैं ये जानता हूँ
मैं ज़िन्दगी से सिर्फ तुम्हे मांगता हूँ

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हर ख्याल में ख्याल आप है
हर बात में बात आप है
हर रात की नींद में ख्वाब आप है
हर दिन की सुबह में सूरत आप है
हर ग़ज़ल की पंक्ति आप है
हर सोच की सोच आप है
हर इश्क का कलमा आप है

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