Tuesday, December 23, 2014

ज़िन्दगी और मैं

इतनी बेसबर क्यों है ज़िन्दगी , कुछ लम्हा ठहर जाये तो क्या
बहुत कुछ है कहने को बहुत कुछ है करने को
अभी बस खुद को थोड़ा समझ लू थोड़ा कुछ को जान लू तो क्या
अभी मैं खुद से कुछ कहना चाहता हूँ
इन लम्हों में रुकना चाहता हूँ अपने आप से मिलना चाहता हूँ
लगता है जैसे कितने समय से बस चल रहा हूँ
कुछ देर पीछे मुड़ के देख न चाहता हूँ
ये बेसबर ज़िन्दगी क्या मुझे इतना भी मौका नहीं देगी
ज़िन्दगी मुझे पे इतनी बेरहम भी तो नहीं
अभी थोड़ी मोहबत बाकि है ज़िन्दगी की मेरे लिए
ज़िन्दगी भी मुझे से चाहती है की मैं खुल के एक बार खुद से मिल लू
ताकि पीछे फिर कोई अफ़सोस ना मुझे रहे ना ज़िन्दगी को
बस जब भी मिले फिर ज़िन्दगी और मैं मुस्कुरा के मिले.

Tuesday, December 9, 2014

आप के लिए मेरे कुछ ख्याल

जब भी आप को देखता हूँ लगता है भगवान ने आप को सिर्फ और सिर्फ इसलिए धरती पे भेजा है
की आप को देख कर मोह्बत की जा सके
आप को देख कर साँसे थम जाती है लगता है बार बार आप को ही देखते रहू
जाने कितनी बार भी देख लो मन ही नहीं भरता
दिल में कसक रह जाती है फिर एक बार आप को देखने के लिए
आप से मोह्बत होने ने बाद फिर किसी और से मोह्बत नहीं हो सकती है
दिल में आप के लिए जो जगह है वो इस जनम में तो कोई और ले नहीं सकता
ज़िन्दगी में जो एक ही हसरत है वो है आप को अपने सामने बैठा कर के जी भर देख ने की
कभी कभी डर भी तो लगता है कहीं आप को मेरी नज़र तो नहीं लगेगी
फिर मेरी पाक मोह्बत ही मुझे से कहती है इश्क़ को भी कभी क्या इश्क़ की नज़र लगी है
कभी कभी ऐसा भी ख्याल आता है काश मैं भी आप के जीवनसाथी की तरह किस्मत वाला होता
आप मेरी होती और मैं आप का होता
सारी ज़िन्दगी आप को सिर्फ अपनी नज़रो से छूता ,आप को अपने हाथो से छू लेने की भी गुस्ताखी न करता
बस सारी ज़िन्दगी अपनी आँखो से आप के लिए ग़ज़ल लिखता जो आप अपनी नज़रो से
​पढ़ती ​

Wednesday, November 19, 2014

तुम मेरी हो और मैं तुम्हारा ये मान सकता हूँ

ना तुम्हारे पास रह सकता हूँ ना तुम्हारे साथ रह सकता हूँ
ना तुमसे दूर रह सकता हूँ ना तुम्हारे बिना रह सकता हूँ
बस सुकून है तो इतना की तुमसे दूर रह के भी तुम्हारे बिना रह के भी
तुमसे हमेशा मोह्बत कर सकता हूँ अपने दिल की हर बात तुमसे कह सकता हूँ
अपने मन की हर उलझन को तुमसे सुलझा सकता हूँ
तुम मेरी हो और मैं तुम्हारा ये मान सकता हूँ


Monday, November 17, 2014

आप इश्क़ है मेरा

आप इश्क़ है मेरा, वो इश्क़ जिस पर हमे नाज़ है गुरुर है अभिमान है फक्र है
बस ना मेरे लिए कोई शर्ते है नहीं आप के लिए कोई शर्ते है
हम दोनों इस इश्क़ में भी आज़ाद है अपनी अपनी ज़िन्दगी जीने के लिए

Saturday, September 13, 2014

मासूम मोह्बत

अब भी सर्द मौसम की सुबह में उसी मासूम मोह्बत के साथ खिड़की के कांच पे जमी ओस पे तुम्हारा और मेरा नाम लिखा करता हूँ
आज भी सुबह की चाय में अदरक की सुगंध के साथ तुम्हारे हाथो की महक आती है
तुम्हारे पसंदीदा गानो की प्लेलिस्ट भी बना ली है अक्सर सुनता हूँ ऑफिस से आने के बाद
लगता है जैसे तन्हाई में पास आ कर के तुम कानो में मेरे गुनगुना रही हो
कहने को मेरे घर की हर दीवार कोरी है पर मेरी आँखों से देखो तो हर दीवार पे सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी तस्वीर है
मेरी और तुम्हारी प्रेम कहानी के अनोखे किस्से कहानियाँ भी लिखी हुई है जो सिर्फ मैं पढ़ता हूँ
पहाड़ो से बहते झरनो को देख तुम्हारे कानो के झुमके याद आते है
रात के अँधेरे में पुरे चाँद को देखता हूँ तो तुम्हारे माथे की बिंदी याद आती है
तुम्हारी एक चुनरी चुपके से चुरा ली थी आज भी तकिये में रख के सोता हूँ
जानता हूँ दुनिया की नज़र में ये सब पागलपन है पर किसी को कैसे समझाऊ की
तुम्हे पाना खोना मेरे हाथ में नहीं था पर तुमसे बेइंतेहा मोह्बत करना मैंने अपना धर्म मान लिया था
और उसी मासूम मोह्बत के साथ अब मैं सिर्फ अपने धर्म का पालन कर रहा हूँ

Thursday, September 11, 2014

वक़्त

मेरी साँसे मेरी धड़कन अब मुझसे बेवफाई करने लगी है
शायद इन्हें मेरे और तुम्हारे बीच बढ़ते फासलो का एहसास होने लगा है
​वजह तो शायद न मैं दे सकूँ न तुम्हारे पास कोई वजह है
​बस यही कह सकते है अभी वक़्त सही नहीं है मेरे और तुम्हारे रिश्ते के लिए
ये वक्त इम्तिहान ले रहा है मेरे लिए तुम्हारी मोह्बत का और तुम्हारे लिए मेरी मोह्बत का
मन में शंका कुशंका का दौर चल रहा है ​
पर इस सब विचारो के द्वंदों के बीच भी एक अटल विश्वास कायम है
हमारी मोह्बत वक्त की सारी कसौटीयो पर खरा उतरेगा
और दुनिया में मोह्बत की एक नयी मिसाल देगी

Wednesday, August 13, 2014

बहुत कुछ अधूरी ख्वाहिशें है बहुत सी अधूरी हसरतें

चलो आज तुम्हें अपने दिल की बात बता ही देते है , हम एक बार फिर जन्म लेना चाहते है इस धरती पे
बहुत कुछ अधूरी ख्वाहिशें है बहुत सी अधूरी हसरतें है जो इस ज़िन्दगी में पूरी कर नहीं पाये है
बस वो ही अधूरापन पूरा करना है अगले जन्म में
अब आप पूछेंगी की क्या है वो ख्वाहिशें हसरतें तो आप को बता दे सब आप से जुडी हुई है
आप को जेहन में रख कर बहुत कुछ सोचा है जो पूरा करना है
आप के बालो में सबसे खूबसूरत गुलाब का फूल लगाना है ,मोगरे के फूल का गजरा सजाना है
आप के हाथो में कांच के कंगन पहनाने है , पैरो में चाँदी की पायल पहनानी है
बनारस हरिद्वार में आप के साथ गंगा माँ की आरती करनी है देखनी है
भारत के हर मंदिर की सीढ़ियां आप को अपनी गोद में ले कर चढ़नी है
माँ वैष्णो देवी के चरणो के सिंदूर से आप की मांग भरणी है
हर पूजा में आप के साथ जोड़े में बैठना है
सागर की शांत लहरो के बीच आप का हाथ अपने हाथो में लेकर का बैठना है
दूर किसी पहाड़ की तलहटी में एक छोटा सा आशियाना बसाना है आप के साथ
आप के लिए बहुत ही शायरी ग़ज़ल लिखनी है
कुछ किस्से कहानिया आप को सुननी कुछ किस्से कहानियाँ आप से सुननी है
इंद्रधनुष के छोर तक जाना है , चाँद तक जाने के लिए सीढ़ियां बनानी है
अब आप ही बताओ इतना सब करने के लिए आप से पूरी मोहबत करने के लिए ये जन्म काफी है क्या
बस इस लिए फिर एक बार जन्म लेना चाहता हूँ ताकि की आप से पूरी मोह्बत कर सकू
दुनिया जिस इश्क़ की मिसाल दे सके वो मोह्बत की रूहानी आयतें लिख सकु

Thursday, August 7, 2014

स्कार्फ वाली लड़की

" सच कहूँ तो मुझे आप से प्यार तब ही हो गया था जब आप स्कार्फ बांधे हुए स्कूटी पे पीछे बैठी हुयी रोज़ हमारे सामने से गुज़रती थी , शेख भाई टी टपरी पे बैठ के सामने से जाते हुए देखता था। तभी लगा था ये लड़की सबसे अलग है. इस लड़की में कुछ बात है । कितना अजीब दीवाना था सोचता था कुछ भी कर के बस स्कार्फ चुरा लू आप का , बस इसलिए की आप की महक को महसूस कर सकू , उस स्कार्फ को छू के अपने हाथो को आप का एहसास दिल सकू ।

आप को देख देख के सोचा करता था ये लड़की का नाम क्या होगा , इस की आवाज़ कैसी होगी। इस से बात करूँगा तो कैसा लगेगा , क्या बात करूँगा । न जाने कितने दिन लगा दिए इसी सोच में । फिर पता किया तो आप हमारी ही क्लास में दिख गयी । फिर सोचा अब तो काम बन ही जायेगा और कुछ भी कर के आप से बात जरूर कर लेंगे |

बस फिर क्या था रोज़ नए बहाने खोजे जाने लगे और फिर वो दिन भी आ गया जब आप से पहेली बार बात हुई ।
हाय कितनी प्यारी आवाज़ थी ,कितनी हया थी बातों में जैसा सोचा था उस से भी बढ़कर थी आवाज़
आज भी उसी आवाज़ की मदहोशी में डूबा हुआ हूँ ।

बस फिर भी एक आखिरी तमना है आप के उस स्कार्फ को छू लू ,उस की खुशबु मैं सांस ले सकु | "

Monday, August 4, 2014

एक सुहानी शाम की बातें

आज पता नहीं अचानक आप के मेहँदी लगे हाथ उस में पहनी हुई लाल अंगूठी याद आ गयी
आप को शायद याद हो गया हमारे जन्मदिन पर उन्ही हाथो से आपने हमे चॉकलेट खिलाई थी
I still feel nostalgic for those moments.

पता नहीं कब आप से इतनी मोह्बत हो गयी। कभी कभी तो सारे पहर आप को सोचते रहते है। कुछ भी टीवी में देखते है तो सोचते है आप इस ड्रेस में कैसी लगेगी। काश की आप हमारे पास होती हम अपने हाथो से आप को ऐसे तैयार करते है
और भी बहुत कुछ आते जाते रहता है दिमाग में ...You are a integrated part of me & my Life....

Because of You I got to understand the true meaning of platonic Love. लगता है मैं एक भटकता हुआ आवारा दरिया हूँ जिसे को आपने एक साहिल दे दिया

आप की वो हंसी की आवाज़ अकसर मेरे कानो में गूंजती रहती है।
​कभी ​
कभी तो नींद से उठ कर देखता हूँ कहीं आप आस पास तो नहीं

कभी सोचता हूँ कितना अच्छा होता फिर से कॉलेज में होते साथ साथ पढ़ते। मैं फिर किसी बहाने से आप से बातें कर लेता। आप से ही आप की कुछ आवाज़ें चुरा लेता और सहेज कर अपने पास रख लेता

इतना कुछ है आप से कहने के लिए बोलने के लिए बताने के लिए। पर जाने क्यूँ आप जब भी सामने आती जैसे गले में ही रुक जाता है , शब्द ही नहीं सूझते है हमे ,पेट में दिल में गुदगुदी सी होने लगती है

आप को देख कर फिर यकीन हो जाता है ये मेरी ज़िन्दगी आप से ही है और आप के लिए ही है…

Tuesday, May 20, 2014

अकस्मात

अकस्मात ही हुई थी मेरी और तुम्हारी मुलाक़ात
जो एक सिलसिले में बदल गयी
सिलसिला भी ऐसा की ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा बन गया
हर हिस्सा एक कहानी सा लगता है
जिस को अपने मानसपटल में बार बार देखता हूँ
ये कोशिश बेवज़ह नहीं है , ये एक मौका दे जाती है वर्तमान में
तुम्हारे साथ गुज़रे लम्हो को फिर से जीने लेने का
इस तपती जीवन की धुप में तुम्हारा ओस जैसा एहसास फिर से महसूस करने का
जीवन के कड़वे अनुभव के साथ गुलकंद जैसी तुम्हारी बातों की मिठास का स्वाद लेने का
आज के इस तकनीकी प्यार के दौर में रूहानी मोह्बत के अस्तित्व में होने का
इस भटकाव इस अकेलेपन में तुम्हारे निरंतर साथ होने का

Thursday, April 10, 2014

रात का शायर

"एक अंजुल ​भर पानी पिला कर वो मुझे ज़िन्दगी भर के लिए प्यासा छोड़ गए
पानी पिलाना उनकी मोह्बत थी और सारी ज़िन्दगी प्यासा रेह जाना हमारी मोह्बत "

"बात बस इतनी सी थी ,आप हमारे उन चंद ख्वाबो में से एक थे जो मुकम्मल नहीं हुए "

" मेरी और तुम्हारी मोह्बत का बुनियादी फर्क बस इतना था
मेरी मोह्बत में मेरी दुनिया तुम थी और
तुम्हारी मोहबत में तुम्हारी दुनिया में मेरे लिए कोई जगह नहीं थी
बस यही एक वजह है मेरी मोह्बत मेरी ज़िंदगी मेरे सपने मेरी कहानी
सब अधूरा गया "

" ना आप हमारी मोह्बत कि मोहताज़ है, ना हम आप कि मोह्बत के मोहताज़ है
हम तो बस आप कि हंसी के रसगुल्लो कि मिठास के दीवाने है "




Thursday, March 27, 2014

क्यूँ

" जाते जाते आख़री बार उस ने मुझसे मिलना मुनासिब न समझा
मैंने भी सिर्फ एक सवाल किया " क्यूँ "
और उसने उस क्यूँ का जवाब देना भी मुनासिब ना समझा "

इश्क़ का इंद्रधनुष

"उसने इश्क़ का इंद्रधनुष दिखला कर कारी बदली कि सौगात भेंट कर दी
और मैं ता ऊमर उस कारी बदली में भीगता रहा सूखता रहा कुछ और न कर सका "

Monday, March 10, 2014

इश्क़ कि बारिश

" मेरे जीवन कि तपती धूप में आप काली घटाओं कि बदली है
जब कभी मैं तपता हूँ आप मुझे अपनी इश्क़ कि बारिश से भिगाती है
मैं भीगता हूँ गिला होता हूँ कभी सूखता नहीं
अजीब है ये आप के इश्क़ का पानी मेरा बदन छोड़ता ही नहीं
कितना भी सुखाने कि कोशिश करता हूँ सूखता नहीं
ये आप के इश्क़ का पानी अपना रंग छोड़ता नहीं "

Saturday, March 1, 2014

वो आप है

जिस के चेहरे पे हमेशा हंसी देखना चाहता हूँ वो आप है
​जिस कि आँखों में कभी आंसू नहीं देखना चाहता वो आप है
जिस के लिए सारी रात सोच के ग़ज़ल लिखता हूँ वो आप है
​जिस को सात जनम के लिए अपनी धर्मपत्नी मान लिया है वो आप है
जिस कि ख़ुशी के लिए दुनिया कि किसी भी हद तक जा सकता हूँ वो आप है
जिस के साथ साथ ज़िन्दगी जीना चाहता हूँ वो आप है
जिस को जनम जन्मांतर के लिए अपना मान लिया है वो आप है
जिस कि गोद में हर रात सिर रख के सोना चाहता हूँ वो आप है
जिस को अपनी हर थाली का पहला निवाला खिलाना चाहता हूँ वो आप है
जिस को हर रोज़ नींद से उठने पे सबसे पहले देखना चाहता हूँ वो आप है
जिस के लिए ये ज़िंदगी जीना चाहता हूँ वो आप है सिर्फ आप

Tuesday, February 25, 2014

इश्क़ का इत्र

मेरी आँखे आप के सिवा और किसी पे टिकती नहीं
मेरा दिल आप के सिवा किसी और के लिए धड़कता नहीं
ऐसे मैं कभी कोई खता नहीं करता
पर आपसे मोह्बत करने कि खता जाने क्यूँ मैं बार बार करता हूँ
मुझे खुद नहीं पता आपसे इतनी मोह्बत कब और कैसे हो गयी
अब हालात ये है कि मुझ पे मेरा खुद का बस नहीं चलता है
पहले सिर्फ इश्क़ था अब ये इश्क़-ऐ-जूनून का रुख अख्तियार कर चूका है
जुनून जरुर है पर सही गलत कि पहचान है इसे
मदहोश हूँ आप के इश्क़ में बेहोश नहीं
इस मदहोशी में भी आप से कुछ वादा कर रहा हूँ
ये इश्क़-ऐ-जूनून कायम रहेगा हमेशा हमेशा के लिए
आप कि ज़िंदगी महका करेगी इस इश्क़ के इत्र से

Sunday, February 23, 2014

दो पल आप कि मोह्बत के

आप से इतनी मोह्बत है फिर भी आप कि मोह्बत से महरूम हूँ मैं
कोई खता हुई है मुझ से या फिर मेरी तक़दीर में ही रुस्वाई लिखी है
जी जलता है जब भी आप को पास से गुज़रते देखता हूँ पर बातें नहीं कर पता हूँ
कितना कुछ है आप से कहने के लिए पर आप के पास वो सुन ने का वक़्त नहीं
ये हालात ही ऐसे है या फिर कुछ और बात है
आप के लिए ये पल शायद कोई कीमत नहीं रखते है
पर मेरे लिए तो ये मेरे जीने मरने के बराबर है
आप के लिए जो दिल में सम्भाले रखा है अब तक
एक दफा केह दू आप से तो शायद मुझे भी कुछ सुकून मिले
ये जो तड़प है ये जो मेरी बेबसी है इस मर्ज़ कि कोई दवा निकले
आज भी आप से ज्यादा कुछ मांग नहीं रहा हूँ
बस आप कि मोह्बत से बेसहारा हो के भटक रहा हूँ
दो पल आप कि मोह्बत के मिले जाये तो मेरा भी कुछ ठौर ठिकाना निकले

Sunday, February 16, 2014

आप सिर्फ और सिर्फ इश्क़ के लिए बनी है

पता नहीं मैं सही हूँ या गलत दीवाना हूँ कि नासमझ
जो भी हूँ बस आज आप से अपने दिल कि बात कहना चाहता हूँ
आप को पहेली बार देखते ही आप से इश्क़ हो गया था
आप को चोरी छुपे देखना आप से बात करने के बहाने ढूँढ़ना
मेरी आदतों में शुमार हो गया था
आज भी इन आदतों का सिलसिला बादस्तूर जारी है
इन सिलसिलो के चलते कुछ अरमान भी जुड़ गए है आप से
आप को एक बार गले लगाना चाहता हूँ
आप को एक बार छूना चाहता हूँ
आप को अपने दिल कि धड़कन सुनाना चाहता हूँ
कुछ आप के दिल कि धड़कन सुनना चाहता हूँ
आप का हाथ अपने हाथो में लेकर कहना चाहता हूँ
आप से मोह्बत है बेइंतेहा मोह्बत
आप को अपने साथ मोह्बत कि एक नयी उच्चाई पे ले जाना चाहता हूँ
आप को एक एहसास दिलाना चाहता हूँ कि आप सिर्फ और सिर्फ इश्क़ के लिए बनी है

Thursday, January 30, 2014

मैं जहाँ था वही रह गया

मैं जहाँ था वही रह गया तुमसे आगे बढ़ नहीं पाया
यूँ तो तुमसे आगे बढ़ना नामुमकिन नहीं था
पर मोह्बत में बेईमानी करना मेरी फितरत में नहीं था

Monday, January 27, 2014

आप के कहे दो शब्द चिता में जलते हुए या कबर में दफ़न होते हुए सुकून के दो पल दे जाये

आप से कभी कुछ माँगा नहीं आप से कभी कुछ चाहा नहीं
जो भी किया आप से आप के लिए पुरे दिल पुरे मन से किया
पूरी शिदत से आप से मोहबत कि
कभी ये जानने कि भी कोशिश नहीं कि कि आप क्या सोचती है मेरे बारें में मेरी मोहबत के बारें
हमेशा अपने दिल का पूरा हाल आप को बयान करता रहा
आप के प्रति मोह्बत को धर्म कि तरह ही निभाया हमेशा
कभी कोई खुदगर्जी का ख्याल नहीं आने दिया
आप कि ख़ुशी आप कि हंसी को सर्वपरि माना खुद के लिए
पर आज दिल में ये ख्याल आया आप से अपने बारें कुछ जानने का
हो सके और जायज़ लगे तो बता दीजिये कहीं मेरा नाम सिमटा सा दबा सा है क्या आप के दिल में
कभी मेरी मोह्बत के गुलशन के किसी गुलाब कि खुशबू ने छूआ है क्या आप को
मेरी इस बेनाम मोह्बत का जरा भी इल्म एहसास है क्या आप को
बहुत ज्यादा तो कोई उम्मीद नहीं लगाये बैठा हूँ बस हो सकता है
बस आप के होठो से दो शब्द सुन ना चाहता हूँ हो सकता है
आप के कहे दो शब्द चिता में जलते हुए या कबर में दफ़न होते हुए
सुकून के दो पल दे जाये
और मेरी ज़िन्दगी कि सार्थकता को एक नया आयाम मिल जाये

मेरी हर सोच हर कल्पनाओ का अस्तित्व तुम हो

तुम हो ये मेरी एक सोच है मेरी एक कल्पना है
तुम्हारे संग रहता हूँ
बातें करता हूँ हँसता खेलता हूँ
हरदम तुम्हारी फ़िक्र करता हूँ
अपने दिल कि हर बात तुम से साझा करता हूँ
तुम ही हो जिस कि वजह से मैं कभी अकेला नहीं होता
लोग मुझे देख तरह तरह कि बातें करते है
कुछ तो पागल भी कह देते है
शायद सच भी हो ये बातें जो मैं पागलपन में तुम्हारी कल्पनाएँ करता हूँ
पर ये भी तो एक सच्चाई है हर कल्पनाओं का कोई अस्तित्व होता है
और मेरी हर सोच हर कल्पनाओ का अस्तित्व तुम हो

Tuesday, January 21, 2014

हम फिर जनम लेंगे सिर्फ एक दूसरे के लिए मोहबत के बंधन को निभा ने के लिए

समझते थे हम दोनों इस कदर एक दूसरे को कि
मुझको तुमसे तुमको मुझसे शिकायतें ना थी अपेक्षायें ना थी
कभी मुझको तुमसे तुमको मुझसे कोई गीले शिकवे ना रहे
तुम्हारी किसी बातों का मैंने कभी बुरा माना नहीं
मेरी किसी बातों का बुरा तुमने कभी माना नहीं
सालों साल हो गए मेरे और तुम्हारे रिश्ते को कभी हमारे बीच कोई दुरी नहीं आई
समय के बीतने के साथ मेरी और तुम्हारी मोह्बत में और भी गहराई आती गयी
निशचल प्रेम मेरा तुम्हारे लिए तुम्हारा मेरे लिए निरंतर बढ़ता रहा
मैं तुम्हारे साथ परस्पर हूँ कि नहीं तुम मेरे साथ परस्पर हो कि नहीं
अब इनके कोई मायने नहीं रेह गए थे मेरे और तुम्हारे बीच
अटल सत्य तुम भी जानती थी मैं भी जनता था
हम दोनों के दिलो में एक दूसरे का स्थान और कोई ले नहीं सकता
एक होने के मायने हमारे लिए अलग थे
ये जीवन हमने अपने अपने कर्त्तव्य निर्वाह के लिए समर्पित कर दिया था
हम फिर जनम लेंगे सिर्फ एक दूसरे के लिए मोहबत के बंधन को निभा ने के लिए

Saturday, January 18, 2014

मुरादें

कितना भी देख लू तुमको जी नहीं भरता
हो सके तो मेरी आँखों में बस जाओ
जब भी जी चाहेगा तुम को देख लिया करूँगा
इसी तरह अपनी कुछ मुरादें भी पूरी कर लूंगा

Wednesday, January 8, 2014

फासले

ना जाने कितने जरियो से रोज़ तुमसे मिलता हूँ जुड़ता हूँ
फिर भी ना जाने कितने फासले है मेरे और तुम्हारे दरमियाँ
कि मैं तुमसे मिल कर भी मिलता नहीं जुड़ कर भी जुड़ता नहीं

Monday, January 6, 2014

Basic Purpose

At some point of time in your life you have to rise above
your stature to serve for the very basic purpose of your
Birth and existence on this Earth.

ज़िन्दगी जीने लगा हूँ

तुम्हारे किसी और कि होने का असर कुछ यूँ हुआ था मेरे दिल पे कि ये पत्थर दिल हो गया था
चटानों जैसा सख्त जो न कुछ समझता था ना किसी बात पे पिघलता था
पर तुम्हारे तसवुर से अब इस पत्थर दिल में दरारे पड़ ने लग गयी है
कुछ पुराणी यादों कि मिट्टी भी जमने लगी है
अब अक्सर इन दरारो में तुम्हारे लिए मोह्बत के फूल खिलते है
जो मेरे पतझड़ भरे जीवन में रंग भरते है
और मैं इन फूलो कि खुशबू से महकता रहता हूँ
इन महके हुए पलो में मोह्बत और जीवन के गम्भीर अर्थ को कुछ कुछ समझने लगा हूँ
पहेले में किसी तरह ज़िन्दगी काट रहा था
अब मैं ज़िन्दगी जीने लगा हूँ । ज़िन्दगी जीने लगा हूँ |

Ambition

Whatever you do in your life
just remember one thing
you must have a big ambition to make it big in life.
As well as the determination & zeal to fulfill that ambition
so that ambition doesn't remain ambition but can see the light of REALITY.