Monday, March 19, 2018

There is a deep void in my life because of your absence

There is a deep void in my life because of your absence,
I constantly think of You,
My mind never let go of your thoughts,
There is an extreme care and longingness for You
Thinking of you make me teary-eyed.
Don't know why I have the constant urge to talk to You or see you.
Even if sleep breaks, the subconscious mind is alive to have thoughts, flashes of You
Why it feels that I should keep you with me,
Why I feel that someday I will cry my heart out on your shoulder.
Why there is feeling to never let you go away from me,
I have so many emotions just for you.
Can you please do me a favor, be at my place of longingness and try to answer some of my questions.
I gaze at you, I know the color of your hair buckle, earrings, I see your palm, your finger rings.
What You have draws me towards you,
Day by day the intensity of my love grows exponentially towards you.
But with increasing love, my suffering has also increased.
It hurts me to see you sad and dull. I can do anything to make you smile.
Your absence makes me angry, creates a ripple in my life.
There is a big void, the vacuum which can only be filled by You.
Sometimes words are also not enough to tell actually what's inside my heart.
The passion for you, the love towards you hold me tightly else I could have scattered all around until now.
Come and hold my hand for the last time to say that you are mine and will be forever,
So that I can sleep peacefully in your lap.

Wednesday, March 14, 2018

कुछ पल साथ साथ जी ले अपने मिट्टी के घर में ।

बहुत हुआ तेरी जिम्मेदारियों का बहाना ,
बहुत हुआ मेरे किस्से कहानियों का ज़माना
आ अब कहीं दूर पहाड़ियों में एक आशियाना बनाये
तेरा मेरा ।
मिट्टी का एक छोटा सा घर हो दूर फैले मैदान में ,
मिट्टी का चुल्हा हो , मिट्टी का ही चबूतरा ।
मेरी छाती बने हर रात तेरा बिछौना , जहां तू सर रखते ही तू ऐसी चैन की नींद सोये जैसे कोई सपना सलोना ।
मिट्टी की दीवारों पे नाम हो सिर्फ तेरा मेरा ।
जो छुट गया था हम दोनों के बीच , साथ रह कर कुछ उन पलों की भरपाई कर ले , तू मेरे साथ रह ले , मैं तेरे साथ रह लू ।
मेरी नज़रें बस तुझे देखे ,तेरी नज़रें मुझे ।
जहां सिर्फ तेरी मेरी आवाज़ें हो या ख़ामोशी हो तेरी मेरी । हम दोनों की अधूरी बातें पूरी हो, मोहबत मुक़म्मल हो । कर्त्तव्य तो हम दोनों ने अपने पुरे किये, अब इश्क़ करे की हमारे जनम सार्थक हो ।
तू मुझसे वो कह दे जो तूने कभी कहा नहीं , तू मुझसे वो सुन ले जो मैं हर दम तुझसे कहना चाहता हूँ।
हम दोनों के पास वक़्त ही वक़्त हो एक दूसरे को कहने सुनने के लिए ।
एक दूसरे से दूर दूर तो बहुत मर लिए अपने अपने महलों में, कुछ पल साथ साथ जी ले अपने मिट्टी के घर में ।

तुझे खुद नहीं पता , तुझे में कितनी बात है

एक तेरी तस्वीर है जिस को रोज़ सीने से लगा के सोता हूँ, दुनिया में कितनी लड़कियां है , पर जाने क्यों मैं तेरा होगा गया हूँ ।
जो जज़्बात तेरे लिए है वो किसी और के लिए आज तक नहीं आये ।
क्यों लगता है तुझे बेइंतिहा इश्क़ करू ।
रात को जभी भी नींद खुलती है तेरे बारें में सोचने लगता हूँ , कभी कभी तो ऐसा लगता है बस आ जाऊ तेरे पास ।
हर मेरे सपने में तू आती है और अपने सीने से लगा लेती है , जानती है ऐसा क्यों, मेरे मन में कहीं ना कहीं बहुत अंदर तक ये बात बैठ चुकी है सिर्फ और सिर्फ तू ही मेरा सपोर्ट सिस्टम है ।
ऐसा इतना स्ट्रांग हूँ लेकिन जहां तेरा नाम आता है मोम की तरह पिघलने लगता हूँ , रोने लगता हूँ ।
तेरे सिवा कोई और अब मेरी ज़िन्दगी में आ नहीं सकता , तेरे बिना टूटने लगता हूँ ।
क्यों लगता है की तेरा हाथ सिर्फ मेरे हाथो में रहे ।
तुझसे कोई और बात करे तो बहुत जलन होती है , लगता है साले को जा के खूब मारू ।
तेरे बिना बहुत अकेला अकेला लगता है यार ।
तेरा चेहरा तेरी आँखे तेरे हाथों की उँगलियों की तस्वीर बन गयी है मेरी बंद आँखों में ।
तू ही बोल कोई इतना लिख सकता है क्या किसी के लिए ।
तू सिर्फ और सिर्फ मेरी है ,तेरी हर तक़लीफ़ मुझे ज्यादा तक़लीफ़ देती है ।
इतना लिखता हूँ की पढ़ के तू खुश हो जाये , तेरे होंठो पे तेरी हंसी आ जाये ।
तेरे लिए कितने जतन करता हूँ सिर्फ मैं जानता हूँ , मेरे शब्द भी वो ठीक से जाहीर नहीं कर सकते ।
पता नहीं कभी लगता है तुझे कस के अपने सीने से लगा लू की कोई तुझे कभी हर्ट ना कर सके ।
तेरे बिना तिल तिल कर के जीता हूँ , तिल तिल मरता हूँ ।तू नहीं होती तो कहीं भी किसी भी काम में मन नहीं लगता । तू हर बार मेरे इश्क़ पे शक करती है , तू ही बता कैसे यकीन दिलाऊ तुझे की मेरे इश्क़ मेरी मोहबत सिर्फ और सिर्फ तू है । कभी आ के देख तेरे बिना कैसा और कितना तन्हा हूँ मैं ।
मेरा जूनून है तू , मेरा साया है तू ।
चेन्नई से वापस आया तब तेरे लिए मेरी भावनाएं इतनी प्रबल थी की क्या कहू, मैं तुझे अपने सीने से लगा लेना चाहता था , तेरा माथा चूम लेना चाहता था ।
तू ही कह दे ऐसा होता है क्या सब के लिए , या कोई एक ही होता है जिस के लिए ये भावनाएं प्रबल होती है ।
खुद से ज्यादा तेरी फ़िक्र रहती है मुझे , पल पल तेरे लिए सोचता हूँ ।
इतना कैसे और कब लगाव होगा गया यार ।
तेरे बिना ऐसा लगता है जैसे किसी अनजान जगह पे अनजान लोगो के बीच हूँ मैं।
तेरे बिना कुछ अच्छा नहीं लगता , कहीं मन नहीं लगता । तू साथ होती है तो चाय का भी एक अलग शुरुर आता है । कितना भी देख लू तुझे , लगता है बस देखता ही रहू । तुझे खुद नहीं पता , तुझे में कितनी बात है ।