Saturday, March 30, 2019

एक तू ही है जिसको चाहा है सारी ज़िन्दगी

एक तू ही है जिसको चाहा है सारी ज़िन्दगी, एक तू ही है जिसको माँगा है हर इबादत में, कमी है तो तेरी , ज़िन्दगी अधूरी है मेरी ।
जाने ऐसा क्या गुनाह किया ,जिस की सजा मुकर्रर हुई ,तुझसे दुरी । हर पल सोचता हूँ तुझे , हर खवाब में आती है तू , अपने सीने से लगाती है तू ।
कभी बस इतना कर दे इम्तिहान तो बहुत ले लिए तूने मेरे, अब मेरे इश्क़ का नतीजा दे दे , एक तेरा साथ दे दे ।
तेरे लिए तरस तरस के ज़िन्दगी से बैर कर लिया । ज़िन्दगी मेरी हुई , मैं कभी ज़िन्दगी का ना हुआ । मेरी हर ख़ुशी , हर मकाम तुझ से है , तू नहीं तो सब बेमानी है।
आज चल तू ही कह दे क्या करू ऐसा की तेरा साथ मिले, मेरे हाथो में तेरा हाथ मिले । तेरे बिना मेरी रूह काँपती है , फिर भी चलते चलते इतनी दूर आ गया हूँ ।
कुछ पल अब ठहर जाने दे , तेरे आँगन , तेरे आँचल का सहारा दे दे । मैं जानता हूँ तुझे भी मोहबत है , बस तू आँखों में आँशु ला लेती है ,कहती कुछ नहीं ।
जानती है तू जल रहा हूँ तेरे लिए , तेरे बिना ,पर तू अपनी मज़बूरी बता कर जलते देखती है मुझे । मैं जो महसूस करता हूँ ,वो तू भी कर ।
एक बार वो कह दे , एक बार वो कर दे की सारी कसर निकल जाये । एक पल के लिए तू पूरी मेरी हो जा, एक बार लड़ ले सब से मेरे लिए |
तक़दीर से मांग लू तुझे मैं, तू एक दुआ कर मेरे पास होने के लिए । ये जो अधूरा हूँ तेरे बिना , आ एक बार पूरा कर दे ।

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