Monday, September 24, 2012

ज़िन्दगी और भी हसीं हो गयी होती

ज़िन्दगी और भी हसीं हो गयी होती
अगर तुने फिर से पीछे पलट के मेरी तरफ देख
मुस्कुराया न होता
एक वो दिन था और एक आज का दिन है
मैंने आज तक उस्सी हसीं मुकुराहत के गुमान में हूँ
वो एक हसीं धोका था या फिर हकीक़त
या फिर और ही कुछ था
मेरी ज़िन्दगी मोहबत के इतिहास का एक पन्ना बन के रह गयी

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