Monday, August 4, 2014

एक सुहानी शाम की बातें

आज पता नहीं अचानक आप के मेहँदी लगे हाथ उस में पहनी हुई लाल अंगूठी याद आ गयी
आप को शायद याद हो गया हमारे जन्मदिन पर उन्ही हाथो से आपने हमे चॉकलेट खिलाई थी
I still feel nostalgic for those moments.

पता नहीं कब आप से इतनी मोह्बत हो गयी। कभी कभी तो सारे पहर आप को सोचते रहते है। कुछ भी टीवी में देखते है तो सोचते है आप इस ड्रेस में कैसी लगेगी। काश की आप हमारे पास होती हम अपने हाथो से आप को ऐसे तैयार करते है
और भी बहुत कुछ आते जाते रहता है दिमाग में ...You are a integrated part of me & my Life....

Because of You I got to understand the true meaning of platonic Love. लगता है मैं एक भटकता हुआ आवारा दरिया हूँ जिसे को आपने एक साहिल दे दिया

आप की वो हंसी की आवाज़ अकसर मेरे कानो में गूंजती रहती है।
​कभी ​
कभी तो नींद से उठ कर देखता हूँ कहीं आप आस पास तो नहीं

कभी सोचता हूँ कितना अच्छा होता फिर से कॉलेज में होते साथ साथ पढ़ते। मैं फिर किसी बहाने से आप से बातें कर लेता। आप से ही आप की कुछ आवाज़ें चुरा लेता और सहेज कर अपने पास रख लेता

इतना कुछ है आप से कहने के लिए बोलने के लिए बताने के लिए। पर जाने क्यूँ आप जब भी सामने आती जैसे गले में ही रुक जाता है , शब्द ही नहीं सूझते है हमे ,पेट में दिल में गुदगुदी सी होने लगती है

आप को देख कर फिर यकीन हो जाता है ये मेरी ज़िन्दगी आप से ही है और आप के लिए ही है…

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