WRITER AND POET FROM HEART.
हमने तो जब भी की रूहानी मोहब्बत की...बाज़ारू इश्क़ की ना तो हमें ज़रूरत है ना ही समझ....
ज़िंदगी को इतने क़रीब से देखा किज़िंदगी के हर लम्हे में जी लिया,दूसरे किसी से कहाँ इश्क़ की कोई उम्मीद थी,खुद को खुद की मोहब्बत के रंग में रंग लिया...
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