Monday, June 20, 2011

True from heart

1. I can live my whole life in utter SOLACE because of the moments I spent with U.....I Love u and I Miss u just as I love n Miss my breath.
Today you are not with me, but i can feel U with every breeze that flows besides me.....your physical presence was never a concern for me, as U are always with me.....I can feel U..every where....where ever i go.



2. It's an agony you have time for everyone when they need u but nobody has time for you when u need them....


3. Idleness comes in life to test the true character and temparament of a person,
How he can hold the burning desire for something to a particular moment of time.....

आत्मा से जुदा हूँ मैं

  1. तुझे जुदा होकर कैसा हूँ मैंने, शरीर है... आत्मा से जुदा हूँ मैं....

  2. जब मिले थे उनसे,
    उनके दिल में हमारी एक तस्वीर बनी थी।
    आज हम उस जगह अपनी तस्वीर तलाश रहे थे
    जहाँ से हमारा नामो-निशान तक मिटा चुके थे वो

Monday, June 13, 2011

खेल

घर की पिछली दीवारों पे
धूल की परतों के नीचे
पत्थरों से लिखा हुआ
मेरा और तुम्हारा नाम
आज भी हमारे निस्वार्थ
प्रेम की मुक़ गवाही देता है,
ना तुम मुझसे बरसों से मिली हो
ना मैंने तुम्हें मिला हूँ,
फिर भी लगता है जैसे साए की तरह
हर वक़्त तुम मेरे साथ हो,
मैंने आज भी उन्हीं सात फेरे से बंधा हूँ
जिसे तुम बचपन का खेल समझ भूल चुकी हो,
फर्क बस इतना है तुम और मुझमें,
तुम खेल को खेल समझ खेलती रही
और मैंने उस खेल को
अपनी ज़िन्दगी समझ आज भी खेल रहा हूँ..

Friday, June 10, 2011

कशमकश

ज़िन्दगी आज मोड़ पर आ खड़ी हुई थी,
वो तैयार खड़े थे हाथों में मेहंदी लगाए,
खुद को किसी पर निछावर करने के लिए,
और हम बेताब थे उनके दामन में समा जाने के लिए,
दोनों ही तरफ सच्चे प्यार का इम्तिहान था,
अजीब कशमकश थी, जीत किसे गले लगाए...
बात आकर हम पर रुक गई थी,
उन्होंने बड़ी बेबस नज़रों से हमें देखा,
उनके आंसुओं के आगे हम फिर दिल की बाज़ी हार आए थे,
पर सच्ची मोहब्बत को दुनिया में जीता आए थे।
उनको पा कर खो देना आसान नहीं था,
लेकिन आज हमने उन्हें खो कर पा लिया था....

Friday, June 3, 2011

Dil laga ne ki saza bhi aanokhi hoti hai

दूर होकर भी मेरे पास हो तुम,
मेरी हर सांस में हो तुम,
मेरे अकेलेपन में,
अपनेपन का एहसास हो तुम।

ये मत समझना कि तेरी मोहब्बत ना मिली,
तो अपने लिए बर्बादी का आलम लिखूंगा,
तेरी मोहब्बत के भ्रम पे तो मैंने,
सारा जहान जीत लूँगा।

चा कर भी तुम मुझे चाह न सके,
मान कर भी मुझे तुम अपना मान न सके,
गिला इस बात से नहीं कि मुझे तुम्हारी मोहब्बत न मिली,
गिला इस बात से है कि तुम मेरी मोहब्बत समझ न सके।

आज फिर खामोशी में गुनगुनाने को जी चाहता है,
आज फिर तेरे आंचल से लिपट जाने को जी चाहता है,
तेरे खयालों में बनाया था कभी ताजमहल,
आज उसमें तेरी तस्वीर लगाने को जी चाहता है.........

प्यार भी अजीब रिश्ता है,
जिससे उम्मीद हो मरहम की,
वो दर्द देता है,
इस दर्द में भी अजीब अपनापन है,
क्योंकि प्यार ये प्यार से देता है..............

आपके सीने का दर्द मेरा हो जाए,
आपके आंसू मेरी पलकों में आ जाएं,
मेरी होंठों की हंसी आपको मिल जाए,
है अगर मेरे प्यार में सच्चाई,
तो मेरी ये दुआ कबूल हो जाए.....

दिल लगाने की सज़ा भी अनोखी होती है,
जिसे न हो सच्चे प्यार की क़द्र,
मोहब्बत उसी से होती है"...

zindagi ki kasmkash

मेरी हर कमी को मैंने खुदा तेरी रहमत समझा और कबूल किया,
तेरी कुछ और इनायत बाकी थी मुझ पर,
जो ज़िन्दगी की कशमकश में भी तूने मुझे तन्हा छोड़ दिया.......

"दिल की गहराईयों से चाहा है आपको,
हर दुआ में माँगा है आपको,
तक़दीर तो देखो हमारी,
फिर भी मेरे प्यार पर शक है आपको"

मंजिल पाने की कोई खुशी न थी,
कदम-कदम पे ग़मों की आहट सी थी,
कैसे बताऊँ कैसे कटे दिन तेरे बिन,
दिल तो धड़क रहा था पर सांसें थमी सी थीं.....

Har pyar ki manzil nahi hoti

हर रात चाँदनी नहीं होती,
हर जलती चीज़ रोशनी नहीं होती,
क्या हुआ हमने आपसे प्यार किया,
हर प्यार की मंजिल नहीं होती......

ज़िन्दगी से सबको शिक़ायत क्यों है,
हर मोड़ पे रुसवाई क्यों है,
जिसे पाना मुमकिन नहीं,
उससे ही पाने की ख्वाहिश क्यों है.....

Aap ka hamara to Dil ka rishta tha

आपका हमारा तो दिल का रिश्ता था,
फिर आज क्यों हमारे बीच इतने फासले हैं,
आपका मेरे इतने करीब आकर दूर चले जाना,
मेरे हाथों की लकीरों में लिखा था,
या फिर एक बार कसूर हमारा था.......

आप हर कदम पे मेरे साथ रहोगे,
मुझे ये हसीन गुमान था,
एक आप थे बीच सफर में साथ छोड़ चले गए,
एक हम थे हर सफर में आपके कदमों के निशान ढूंढते रहे.....

हमारी ज़िन्दगी की बड़ी अजीब दास्तान है,
रोज वही सुबह, वही शाम है,
जब भी मिली कोई खुशी,
हमें लगा ये कोई आने वाली मायूसी का पैगाम है...........

मुद्दत से दिल जिसके लिए बेकरार था,
हर पल आंखों को जिसका इंतजार था,
जन्मों-जन्मों के लिए जिसे खुदा से हमने मांग लिया था,
वो ही किसी और के लिए हाथों में मेहंदी सजाए बैठा था.....

तूने भी प्यार में क्या वफ़ा निभाई,
लोग आशिक की कब्र पे रोज़ दिया जलाने चले आते हैं,
तू मेरी कब्र पे दो आंसू बहाने भी नहीं आई........

मुक़द्दर लिखने वाले, तूने भी क्या खूब तक़दीर लिखी हमारी,
हम जिसे चाह रहे थे खुदा की इबादत समझ कर,
वही किसी और की मोहब्बत में हमसे रुसवा हो चले थे.....

जाने क्या कमी थी हमारे प्यार में,
वो होकर भी हमारे किसी और के हो गए,
हम आज भी उन्हें अपनों में तलाश रहे थे,
और वो हमारा नाम बेगानों में लिखवा रहे थे

नकारा

दुनिया वालों ने हमें हमेशा नकारा समझा,
इश्क में डूबा हुआ आशिक आवारा कहाँ,
इन न समझों से क्या कर अपनी मोहब्बत की बयान,
वो तो एक दरिया था जिसका कोई साहिल न रहा......

ज़िन्दगी में कई इम्तेहान आए,
ग़मो के तूफान आए,
एक मेरा वजूद था हर थपेड़ों में बिखरता रहा,
एक तेरे प्यार का चिराग था,
हमेशा मेरे दिल में जलता रहा.......

कुछ तो बात थी तेरी मौजूदगी में,
वरना इस कदर ज़िन्दगी में तन्हाई न घिरी होती,
सारी दुनिया की खुशियाँ हमारे दामन में समेट गई होती,
अगर तेरी सोहबत हमें मिल गई होती........

ना तुझे भुला पाऊंगा,
ना तुझे याद रख पाऊंगा,
तू तो मेरा साया है,
तुझसे अलग कैसे मैंने होश में रह पाऊंगा....

नज़रों की इनायत

अपने दिल की हालत की ऐसे बयान करते,
जो समझते थे वो पास होकर भी दूर चले गए,
वो पूछते हैं हम अकेले कैसे रह गए,
जो खुद ही साथ छोड़ हमें तन्हा कर गए......

हर वक्त दुआ करते रहे कि आपका साथ मिले,
पर दुआ कभी कबूल न हुई...
सारी उम्र निकल गई आपकी राह तकते-तकते,
अफ़सोस आपकी नज़रों की इनायत कभी हम पर न हुई........

purani yaadien

  • तुझसे मोहब्बत क्या कि मेरी हर खुशी सितम में बदल गई,
    फिर भी मेरे हर बहते आंसू ने तेरी सलामती के लिए दुआ की,
    एक हम थे तेरे प्यार के लिए इस जहान से रुखसत हो रहे थे.........
    एक तू थी हमारी दुआओं के असर से अपनी दुनिया आबाद कर रही थी,

  • कभी वो हमसे बहुत बातें किया करते थे,
    अपने दिल का हर राज हम पर जाहिर किया करते थे,
    आज वो दूसरों में इतने मसगुल हो गए,
    कि हमें अपने गुज़रे हुए कल में सुमार किया करते हैं.....

  • इतने दर्द मिले कि रोते-रोते आंसू सुख गए,
    हर मुश्किलों के तूफान हमारे आंगन से गुजर गए,
    कभी बहती थी हमारे सीने में प्यार की लहर,
    अब तो लगता है दिल के हर जज़्बात मर गए.......

  • जब भी चाहा किसी का साथ मिले,
    भरी भीड़ में तन्हाई का सिला मिला,
    सिसकते रहे अकेले में,
    चुप कर सके वो हमसफर न मिला.....

  • बहुत कोशिश की लेकिन किसी बात पर खुश न हो सका,
    खुदा ने ग़म की ऐसी चादर लपेटी किसी हाल में फिर मुस्कुरा न सका,
    कभी मैं भी जिंदा-दिल हुआ करता था,
    अब लोग कहते हैं मैं बात करना भूल गया..............

  • इतने टुकड़े किए इस दिल के, तेरे प्यार को भूलाने के लिए,
    हर टुकड़े में फिर भी तेरा नाम लिखा पाया,
    कतरा-कतरा बह गया लहू का जिगर से,
    जाने क्यों तुझे कभी इस दिल से निकाल न पाया.......

  • वो अपनी हर बात में हमारा ज़िक्र किया करती थी,
    उनके हर अल्फाज़ में हमारे लिए फिक्र हुआ करती थी,
    बिना पैगाम के हम मौत की गोद में समा गए,
    अब पता चला वो हमारे इस दुनिया से चले जाने के लिए रोज़ खुदा से फरियाद करती थी....

  • वक्त के तूफानों में हमारे बनाए कुछ रिश्ते
    टूटते जैसे बिखरते चले गए,
    कभी हम जिनके साए हुआ करते थे,
    आज उनकी परछाईं से भी कोसों दूर हो गए......

  • कभी तो उस की बूँद की तरह आकार मुझसे मिल,
    मेरी ज़िंदगी के अंधेरे को अपने कदमों की रोशनी से रोशन कर,
    थक गया हूँ दुनिया की रफ्तार में दौड़ते-दौड़ते,
    अपनी गोद में सुला कर मुझे जन्नत नसीब कर....

  • हर मंजिल का सफर अकेले तय करते गए,
    हर तूफानों के सितम खुद के सीने पर सहते गए,
    बहुत नाज़ था हमें अपने हमदर्दों पर,
    मगर वही हमदर्द हमें दर्द के सैलाब में डुबोते गए.....

  • ख्वाहिश तो ये है तेरे लिए चाँद तारे तोड़ लाऊँ,
    तेरे कदमों के नीचे फूलों की चादर बिछाऊँ,
    हर वीराने में तेरे कंगन की खनक सुनूँ,
    जब भी गिरे तेरी आँखों से आंसू,
    उन्हें मोती में बदल दूँ,
    इतनी मोहब्बत है तुझसे कि तेरी एक मुस्कान
    के लिए अपनी जान फना कर दूँ.....

  • आज मेरी आँखों को तेरा दीदार नहीं हुआ,
    तो चाँद ने भी आसमान को चाँदनी से महरूम कर दिया,
    मैंने चाँद से गुज़ारिश की तो वो बोला,
    तेरी मोहब्बत देख मैंने भी बादलों में खो गया.......

  • सारी उम्र आपकी वफ़ा की कसक चाहती थी,
    तलाश तो थी उस पल की जिसमें आपको हमसे मोहब्बत हो जाती,
    कई सदियाँ गुज़ार देते हम उस पल में,
    जिस पल की कीमत आपके लिए कुछ भी नहीं थी......

  • काश उन्हें भी हमारे इस दिल से मोहब्बत हो जाती...
    आपने हाथों में वो हमारे नाम की मेंहदी रचाती....
    अपनी जान से ज़्यादा जिसे हमारी जान की फिक्र होती.....
    जब हम रूठ जाते, बड़े प्यार से हमें मानती...

  • मेरे लिए हो

    जब भी तू मुस्कुराए तो एक हंसी मेरे लिए हो,
    तेरे हर एक सजदे में दुआ मेरे लिए हो,
    मेरी दर्द-ओ-ग़म से रंजिश हो,
    गर यह हकीकत में हो...

    मुस्कुराए तू तो गालों पे लालिमा मेरी हो,
    दुआ तू कर तो लब मेरे हो,
    इतनी मोहब्बत रहे हम दोनों में,
    आइना तू देखे और अक्स मेरा हो...


    Inteja

    मेरी उखड़ती सांसों का दर्द तेरी आँखों में देखे,
    एक पल भी तेरी नजरों से ओझल रहूँ, तो तेरा दिल तड़प उठे,
    मुझे ठोकर लगे, तो आह तेरी निकले,
    मेरी तन्हाइयों में सिसकियाँ तेरी रहें,
    सर्द हवाओं से जब लड़ता रहूँ, गर्म आंचो का तेरा रहे,
    ऐसे तो बहुत लोग हैं साथ मेरे,
    तुझसे इंतजार है, तू ऐसे वक्त मेरे करीब रहे,
    जब जिंदगी भी मुझसे अपना दामन छुड़ाती रहे...

    Few Lines

    अपनी अरमानों की चिता जला कर आया,
    जो भी मिला एक-एक कर सब खो आया,
    मेरी हर अरज़ न मंजूर की जिंदगी ने अपनी अदालत में,
    और लोग कहते हैं मैंने जिंदगी से बहुत कुछ हासिल कर आया...

    हमारे अश्क थे जो बादल बन उनका दामन भिगो रहे थे,
    और वो नादान कह रहे थे अल्लाह के फ़ज़ल से बारिश हो रही है...

    कुछ ऐसी फांस लगी है उसके जख्मों की,
    हर पल दिल में एक कसक सी होती है,
    मौत ही मंजिल थी इस दर्द की,
    पर उसने जिंदगी जीने की क़सम दी है...

    किसी और को चाहने के पहले
    काश तुम इन आँखों की बेचैनी को समझ पाती,
    किसी और को अपने दिल में बसाने के पहले,
    ये देख लेती कि तुम किसी का दिल उजाड़ रही हो।

    उम्मीद

    एक बनी थी उनके कदमों के निशानों पे चलते चलते
    कभी इस तरह उनके साथ भी चलेंगे
    एक हल्की सी लहर ने उनके निशान मिटा दिए,
    हम जहाँ थे वहीं रह गए
    और इस दरमियान वो कुछ दूर का फासला तय कर गए..

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    हमने तो जब भी की रूहानी मोहब्बत की...
    बाज़ारू इश्क़ की ना तो हमें ज़रूरत है ना ही समझ....

    ज़िंदगी को इतने क़रीब से देखा कि
    ज़िंदगी के हर लम्हे में जी लिया,
    दूसरे किसी से कहाँ इश्क़ की कोई उम्मीद थी,
    खुद को खुद की मोहब्बत के रंग में रंग लिया...