WRITER AND POET FROM HEART.
खामोश हैं आँखें कुछ नमी लिए हुए,जाने कितना कुछ छुपाए हुए,बहुत दर्द लिए हैं,न जाने कब से दिल में दबाए हुए,कहते-कहते क्यों होंठ हैं कि सिल जाते,धड़कनें हैं गुज़ारिश करती हुई, बेज़ुबान दर्द की परतें खोलती हुई...
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