उनकी एक तस्वीर है मेरे पास
बरसों पहले दे कर गई थी वो,
रोज देखता हूँ फिर भी जी नहीं भरता,
ये नीला आसमान लगता है
जैसे उनसे ही अपना रंग उधार ले आया हो।
लंबी बारिश के बाद जैसे इंद्रधनुष
अपनी सप्तर्षंगी छटा बिखेरता है,
वैसे ही दस साल इंतजार के बाद रोज
मेरे घर के आंगन में आसमानी रंगों में सिमटी हुई,
गहरी आँखों वाली परी उतरती है,
जैसे कई वर्षों से चलते हुए
घने जंगलों में नीलकंठ पंछी कोई दिखा हो..
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