WRITER AND POET FROM HEART.
यहाँ न कोई रकीब है, न ही कोई सनम,मुसाफ़िर हैं सभी राह चलते हुए,जो कुछ पड़ाव के लिए हमसफर हो लिए,कुछ दिन साथ रहे हंस बोले मोहब्बत कर ली,फिर जुदा हो चले अपनी मंजिल के लिए।
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