कभी अचानक बारिश होने पर,
तेरा वो मेरे और अपने सर पर अपनी चुनरी डाल देना,
फिर किसी पेड़ के नीचे मेरे चेहरे से बारिश की वो कुछ बूँदें अपने आँचल से पोंछ देना,
मेरे गीले बालों को अपने हाथों से सुखा देना।
ऐसी और भी हैं तेरी मेरी मोहब्बत की कुछ दास्तानें,
जो मैंने कभी कही नहीं, जो तुमने कभी सुनी नहीं...
No comments:
Post a Comment