Monday, August 13, 2012

कलम

जब भी कलम उठाई कुछ लिखने के लिए,

हर बार कलम ने पहले तेरा ही नाम लिखा,

मैंने कलम से शिकायत की तो, 

कलम ने कहा इसमें मेरा क्या कसूर, 

जिस नाम से तेरे ख्यालों का आगाज़ होता है, 

उसी नाम को मैंने शब्दों का रूप दिया...


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