हाथ जोड़कर आप सभी से मेरा अनुरोध है,
लौटा सको तो लौटा दो मेरा वो नादान मासूम बचपन,
जहाँ अपनी काबिलियत साबित करने के लिए
मुझे किसी और मासूम को पीछे छोड़ना पड़े,
वो प्रदूषण मुक्त हवा जहाँ मैंने खुलकर सांस ले सकूँ,
वही पुरानी संस्कृति जहाँ मैं अपनी
माँ को माँ और पिता को पिता कह सकूँ,
वो पुराना ज़माना जहाँ मैंने लैपटॉप और कंप्यूटर
चलाने से पहले ग़ुल्ली-डंडा खेलना सीखा,
लौटा सको तो लौटा दो मेरा वो मासूम
बचपन जहाँ मैंने नादान मासूम बच्चा रह सकूँ।
No comments:
Post a Comment