RAJU R UPRADE
WRITER AND POET FROM HEART.
Tuesday, July 5, 2011
सदियां जी गए
जानें क्या बात थी उनके बिछड़ने में,
हमारी आंखों के आंसू आंखों में ही सुख गए,
होंठों ने तो बहुत कुछ कहना चाहा,
पर अल्फाज़ गले में ही रुक गए,
हर पल मरते रहे उनकी जुदाई में,
पर उनके इंतजार में सदियां जी गए...
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