Tuesday, July 5, 2011

थोड़ा अभिमान बाकी है



स्कूल कॉलेज में एक हस्ती थी मेरी,
आज सड़क पर चलती हुई भीड़ का एक हिस्सा हूँ,
पर थोड़ा अभिमान अभी बाकी है,

बहुत उम्मीद थी खुद से सारे लोगों में मेरा चेहरा अलग नजर आएगा,
आज इतने लोगों में खुद की शख्सियत से जुदा हूँ,
पर थोड़ा अभिमान अभी बाकी है,

पानी के बुलबुले की तरह है जीवन,
इस छन्न-भंगुर जीवन का थोड़ा अभिमान अभी बाकी है,

साथी तो बहुत बने इस जीवन पथ पर,
अब सब अपनी-अपनी मंजिल के मुसाफ़िर हैं,
फिर भी उनके साथ का थोड़ा अभिमान अभी बाकी है,

खाली हाथ दुनिया में आया था,
खाली हाथ ही इस दुनिया से जाऊंगा,
फिर भी इस खालीपन का थोड़ा अभिमान अभी बाकी है,

हर वक्त कुचला जाता है यहाँ मेरा आत्मसम्मान, फिर भी मेरे "मैं" में अभी थोड़ा अभिमान बाकी है।

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