Tuesday, July 5, 2011

क्या बात है

यूं तो सभी उनका ख्याल रखते हैं,
उनहें कभी हमारा ख्याल आ जाए तो क्या बात है।
यूं तो वो अक्सर चुप ही रहते हैं,
हमारे सामने आकर दो अल्फाज़ कह जाएं तो क्या बात है,
उनकी नज़रे हमें ढूंढ रही हों,
और हमारी नज़रे उनसे मिल जाएं तो क्या बात है,
उनसे बात करने के लिए तो सभी बेकरार रहते हैं,
वो हमसे बात करने के लिए बेकरार हो जाएं तो क्या बात है,
वो अक्सर भीड़ में होते हैं,
कभी हमारे बिना भीड़ में तन्हा हो जाएं तो क्या बात है,
हम तो उनसे बेपनाह मोहब्बत करते हैं,
उन्हें भी हमारी मोहब्बत से मोहब्बत हो जाए तो क्या बात है।

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