वो कहती है, ना मुझे तुम मिल सके,
ना तुमने मुझे हासिल किया,
हम दोनों तो अब जुदा हैं,
फिर हम अपने इस रिश्ते को क्या नाम दें,
मैंने कहा जुदा से सिर्फ हमारे जिस्म हो रहे हैं,
दोनों की आत्मा तो एक-दूसरे में ही लीन है,
ऐसे रिश्तों के नाम नहीं होते दुनिया की नजरों में,
पर मैं तुम में अपनी राधा देखी है,
तुम मुझे में अपना श्याम देख लो।
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