RAJU R UPRADE
WRITER AND POET FROM HEART.
Thursday, January 30, 2014
मैं जहाँ था वही रह गया
मैं जहाँ था वही रह गया तुमसे आगे बढ़ नहीं पाया
यूँ तो तुमसे आगे बढ़ना नामुमकिन नहीं था
पर मोह्बत में बेईमानी करना मेरी फितरत में नहीं था
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