RAJU R UPRADE
WRITER AND POET FROM HEART.
Saturday, October 20, 2012
मैं और मेरी परछाई के बीच हर वक़्त तेरा साया है
मैं और मेरी परछाई के बीच हर वक़्त तेरा साया है
तुम मिलो दूर हो मुझ से पर मेरी आँखों में तुम्हारा ज़िक्र है
तुम्हारी जुदाई का दर्द आँखो में लिए है, तुम कहीं नज़रो से छलक न जाओ
आँख के पानी को दिल में समभाल के रखे हुए है
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