तेरे नाम पे आज भी महफिले सजती है,
तेरी बातों के बहाने बहाने से ज़िक्र होते है,
तेरी हर अदा पे, हम दिल पे हाथ रख आहे भरते है
तेरी इतर की खुशबू पाने के लिये सारे घर की खिड़की दरवाज़े खोल के रखते है ।
तू जिस जगह से गुजरती है, हम घंटों बैठ तुझे वहां महसूस करते है ।
तुझे एक नज़र देखने के लिए जाने कितने झरोखे से झांकते रहते है ।
तू जब चलते चलते पीछे पलट के देख लेती है, हम अमीन कहते है ।
जिंदगी के हर अंधेरे को तेरी आँखों की चमक से रोशन किया है ।
तेरे लबों से अपनी मटमैली जीवन में सुर्ख लाल रंग भरा है ।
तेरे लायक दुनिया में कोई जगह सही लगी नहीं इसलिए तुझे अपने दिल के तख्त पे बिठाया है ।
तेरी बातों के बहाने बहाने से ज़िक्र होते है,
तेरी हर अदा पे, हम दिल पे हाथ रख आहे भरते है
तेरी इतर की खुशबू पाने के लिये सारे घर की खिड़की दरवाज़े खोल के रखते है ।
तू जिस जगह से गुजरती है, हम घंटों बैठ तुझे वहां महसूस करते है ।
तुझे एक नज़र देखने के लिए जाने कितने झरोखे से झांकते रहते है ।
तू जब चलते चलते पीछे पलट के देख लेती है, हम अमीन कहते है ।
जिंदगी के हर अंधेरे को तेरी आँखों की चमक से रोशन किया है ।
तेरे लबों से अपनी मटमैली जीवन में सुर्ख लाल रंग भरा है ।
तेरे लायक दुनिया में कोई जगह सही लगी नहीं इसलिए तुझे अपने दिल के तख्त पे बिठाया है ।
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