फिर मेरा दिल मुझे से कहता है ये जो मेरे अंदर हमेशा रहता है उस का क्या
नज़रें कहती ये जो हर वक़्त उस को ही देखती है उस का क्या
साँसे कहती हर सांस में उस की महक है उस का क्या
फिर लगता है फिर कहने के लिए ही तुझे से नहीं मिला
ऐसे तो कभी तुझे से जुदा हुआ नहीं
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