RAJU R UPRADE
WRITER AND POET FROM HEART.
Tuesday, May 22, 2012
अज़ान
जब भी कानों पर आई तेरी आवाज़,
लगा मस्जिद से अज़ान हो रही हो,
जाने कितनी ईदें मनाईं
तेरी गलियों से गुजर कर।
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