WRITER AND POET FROM HEART.
काश कि कुछ पलों के लिए मेरा दिल तेरे सीने में धड़क सके,कैसे जी रहा हूँ तेरे बिना अब तक इस दर्द को तुझे समझा सकूं,ये चाहत नहीं कि तुझे दर्द में तड़पते हुए देखूं,बस इतनी सी आरज़ू है कि तुझे मेरी तकलीफ से रूबरू करा सकूं...
Post a Comment
No comments:
Post a Comment