RAJU R UPRADE
WRITER AND POET FROM HEART.
Thursday, August 18, 2011
बातें
वो बातें जो कभी तुम्हारी थीं,
आज हमने कर ली तो गुनाह हो गया,
फर्क बातों का तो ना था,
फर्क बस तुम में और मुझ में था,
तुम उस वक्त ख़ता कर के सच्चाई की मूरत बन गई,
और हम बिना किसी जुर्म के गुनाहगार साबित हो गए।
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