Wednesday, March 14, 2018

तुझे खुद नहीं पता , तुझे में कितनी बात है

एक तेरी तस्वीर है जिस को रोज़ सीने से लगा के सोता हूँ, दुनिया में कितनी लड़कियां है , पर जाने क्यों मैं तेरा होगा गया हूँ ।
जो जज़्बात तेरे लिए है वो किसी और के लिए आज तक नहीं आये ।
क्यों लगता है तुझे बेइंतिहा इश्क़ करू ।
रात को जभी भी नींद खुलती है तेरे बारें में सोचने लगता हूँ , कभी कभी तो ऐसा लगता है बस आ जाऊ तेरे पास ।
हर मेरे सपने में तू आती है और अपने सीने से लगा लेती है , जानती है ऐसा क्यों, मेरे मन में कहीं ना कहीं बहुत अंदर तक ये बात बैठ चुकी है सिर्फ और सिर्फ तू ही मेरा सपोर्ट सिस्टम है ।
ऐसा इतना स्ट्रांग हूँ लेकिन जहां तेरा नाम आता है मोम की तरह पिघलने लगता हूँ , रोने लगता हूँ ।
तेरे सिवा कोई और अब मेरी ज़िन्दगी में आ नहीं सकता , तेरे बिना टूटने लगता हूँ ।
क्यों लगता है की तेरा हाथ सिर्फ मेरे हाथो में रहे ।
तुझसे कोई और बात करे तो बहुत जलन होती है , लगता है साले को जा के खूब मारू ।
तेरे बिना बहुत अकेला अकेला लगता है यार ।
तेरा चेहरा तेरी आँखे तेरे हाथों की उँगलियों की तस्वीर बन गयी है मेरी बंद आँखों में ।
तू ही बोल कोई इतना लिख सकता है क्या किसी के लिए ।
तू सिर्फ और सिर्फ मेरी है ,तेरी हर तक़लीफ़ मुझे ज्यादा तक़लीफ़ देती है ।
इतना लिखता हूँ की पढ़ के तू खुश हो जाये , तेरे होंठो पे तेरी हंसी आ जाये ।
तेरे लिए कितने जतन करता हूँ सिर्फ मैं जानता हूँ , मेरे शब्द भी वो ठीक से जाहीर नहीं कर सकते ।
पता नहीं कभी लगता है तुझे कस के अपने सीने से लगा लू की कोई तुझे कभी हर्ट ना कर सके ।
तेरे बिना तिल तिल कर के जीता हूँ , तिल तिल मरता हूँ ।तू नहीं होती तो कहीं भी किसी भी काम में मन नहीं लगता । तू हर बार मेरे इश्क़ पे शक करती है , तू ही बता कैसे यकीन दिलाऊ तुझे की मेरे इश्क़ मेरी मोहबत सिर्फ और सिर्फ तू है । कभी आ के देख तेरे बिना कैसा और कितना तन्हा हूँ मैं ।
मेरा जूनून है तू , मेरा साया है तू ।
चेन्नई से वापस आया तब तेरे लिए मेरी भावनाएं इतनी प्रबल थी की क्या कहू, मैं तुझे अपने सीने से लगा लेना चाहता था , तेरा माथा चूम लेना चाहता था ।
तू ही कह दे ऐसा होता है क्या सब के लिए , या कोई एक ही होता है जिस के लिए ये भावनाएं प्रबल होती है ।
खुद से ज्यादा तेरी फ़िक्र रहती है मुझे , पल पल तेरे लिए सोचता हूँ ।
इतना कैसे और कब लगाव होगा गया यार ।
तेरे बिना ऐसा लगता है जैसे किसी अनजान जगह पे अनजान लोगो के बीच हूँ मैं।
तेरे बिना कुछ अच्छा नहीं लगता , कहीं मन नहीं लगता । तू साथ होती है तो चाय का भी एक अलग शुरुर आता है । कितना भी देख लू तुझे , लगता है बस देखता ही रहू । तुझे खुद नहीं पता , तुझे में कितनी बात है ।

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