RAJU R UPRADE
WRITER AND POET FROM HEART.
Saturday, April 4, 2015
ज़िन्दगी किसी के लिए रूकती नहीं
किसी के जाने के बाद किसी के बिछड़ जाने पर
सब कहते है ये ज़िन्दगी का उसूल है
ज़िन्दगी किसी के लिए रूकती नहीं
मैंने भी यही कहता हूँ सच है ज़िन्दगी किसी के लिए रूकती नहीं
पर ज़िन्दगी फिर वही नहीं रहती बदल जाती है
कुछ अलग सी हो जाती है
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