Tuesday, February 24, 2015

आख़री खत

एक सवाल है जाने कब से मन में पर जनता नहीं कब इस का जवाब मिलेगा और किस से मिलेगा , मुझे नहीं पता । मैं इतना क्यों तरसता हूँ आप से बातें करने के लिए , आप भी सोचती होगी कैसा पागल लड़का है जब तब ईमेल करता रहता है ,सच कहु तो मुझे भी मैं पागल ही लगता हूँ । पर जाने क्यों आप से अपने दिल की सारी कह देना चाहता हूँ , मैं आप से अपनी भावनाए कहने के लिए किस समय या मौके के इंतज़ार में नहीं रहना चाहता हूँ , मुझे नहीं पता मेरी कितनी ज़िन्दगी बाकि है बस मैं ये चाहता हूँ की मैं अपनी मृत्युसैया (deathbed ) पे कोई regret ( पछतावा ) लेकर इस दुनिया से विदा लू ।
मैं जब तक इस दुनिया में हूँ आप को ख़ुशी के वो पल देना चाहता हूँ जिस को आप जब भी याद कर के आप के अधरो ( lips ) पे एक मुस्कराहट आ जाये । उदेश्य एक ही है मेरा आप से इतनी मोह्बत कर के जाना चाहता हूँ की आप मेरी मोह्बत के मूलधन को कभी खरच ही न कर पाये , मेरी मोह्बत के ब्याज से ही आप की ज़िन्दगी खुशहाल रहे । आप को कभी अकेलापन न लगे , किसी और से वो प्यार वो इश्क़ की कोई दरकरार ना रहे है ।

कहने को तो आज आप को आख़री खत लिख रहा हूँ , पर कह नहीं सकता की इस खत के बात आप को कभी कुछ लिखूंगा ही नहीं , शायद जब भी आप की याद गहरी हो जाएगी मैं फिर लिखूंगा , हाँ पर हाल फिलहाल कुछ दिनों के लिए मैं भी तुम्हारी यादो से छुटी लेना चाहता हूँ । पर हंसी की बात ये है की मेरी छुटी भी तुम्हारी यादो से होती है ।

इस जीवन में तुमसे पार पाना तो मेरे लिए अब नामुमकिन है , कभी लगता है की तुमसे कहीं दूर चले जाऊंगा तो सायद कुछ रहत मिले , पर वो भी कुछ मुमकिन नहीं लगता है , आप से कहने के लिए ही सिर्फ दूर जा सकता हूँ , पर सच में जा सकता हूँ क्या वो सवाल है , जिस का जवाब नहीं है मेरे पास ।

आप से ऐसा कोई रिश्ता बन जायेगा ऐसी कभी दूर दूर तक कोई कल्पना नहीं की थी , पर अब जब की बन गया है , तो कभी कभी जीवन जीना मुस्किल कभी आसान लगता है । जैसा की मैं हमसे कहता हूँ आप से कभी कुछ नहीं चाहा है , बस मैं अपनी तरफ से पूरी वफ़ा से आप से मोहबत करता हूँ , जो की करना मेरा अधिकार भी है और कर्तव्य भी ।

इस जीवन में हमेशा से आप का और हमेशा के लिए आप का

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