जो एक सिलसिले में बदल गयी
सिलसिला भी ऐसा की ज़िन्दगी का एक अहम हिस्सा बन गया
हर हिस्सा एक कहानी सा लगता है
जिस को अपने मानसपटल में बार बार देखता हूँ
ये कोशिश बेवज़ह नहीं है , ये एक मौका दे जाती है वर्तमान में
तुम्हारे साथ गुज़रे लम्हो को फिर से जीने लेने का
इस तपती जीवन की धुप में तुम्हारा ओस जैसा एहसास फिर से महसूस करने का
जीवन के कड़वे अनुभव के साथ गुलकंद जैसी तुम्हारी बातों की मिठास का स्वाद लेने का
आज के इस तकनीकी प्यार के दौर में रूहानी मोह्बत के अस्तित्व में होने का
इस भटकाव इस अकेलेपन में तुम्हारे निरंतर साथ होने का
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