WRITER AND POET FROM HEART.
जब भी बारिश हुई,लगा बादलों पर चलकर तुम आई हो।
जब भी तुम्हारी आवाज़ आई,लगा बहुत बरसों के बाद मेरी रात की सुबह हुई।
जब भी कोई नई कली खिली,लगा तुम मुस्कुराई हो।
जब भी आसमान पर चाँदनी बिखरी,लगा तुमने अपनी पलकों से चाँद को सजाया हो।
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