WRITER AND POET FROM HEART.
हर कोई अपना हमें जज़्बातीकहकर टालता गया,इसलिए मैं अपने अरमानोंको दिल की गहराइयों में दफन करता गया,अरमानों ने पूछा हमारा कुसूर क्या था,मैंने कहा कुसूर न मेरा था न तुम्हारा,बस मेरे कुछ अपनों नेतुम्हारी मौत का फरमान जारी किया था
Hmmmmmmmmmmmm.......!!!!
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