Monday, August 19, 2024

तकदीर

 "तकदीर को हमारी कुछ परेशानी है 

हमारी मुस्कुराहट से, जब भी मुस्कुराते हुए देखती है,

कोई ऐसा दर्द दे जाती है,

जिसे संभालते-संभालते सीने में आँसुओं का समंदर समा जाता है। 

यहाँ भी एक नियम से बंधे हुए हैं, 

कहते हैं समंदर कभी अपनी मर्यादा लांघता नहीं, 

बस आँखों से छलक सकता है, 

पर कभी नदी-तालाबों जैसे अपना बांध तोड़ नहीं सकता। 

वैसे इसमें हमारी तकदीर का कोई दोष नहीं, 

दर्द से हमारा चोली-दामन का रिश्ता है, जो भी दर्द अब तक मिले हैं, 

उन्हें जीत की निशानियाँ मान ट्रॉफी की तरह सजा के रख लिया है। 

नियति से हमारी यह जंग हमारे जन्म लेने के समय से चली आ रही है, 

वो हमें हारता हुआ मायूस देखना चाहती है, 

पर हम भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं नियति से लोहा लेने के लिए। 

हम कहते हैं जितने दर्द देना है दे दे,

तेरे हर दर्द को अपने लबों पर सजाएंगे एक नई मुस्कान से,

पर इतनी जल्दी हार नहीं मानेंगे जब तक इस ज़िंदगी को एक मिसाल में न बदल दें,

हम लड़ते जाएंगे, चलते जाएंगे।"

इंजीनियरिंग की मोहब्बत

तेरी एक झलक पाने के लिए शेख भाई की टपरी पे बैठ वो कशिश वाली चाय पीना आज भी दिल गुदगुदा देता है किसी तरह तुझसे बात हो जाये इसलिए बहाने बहाने से तुझसे कॉपियाँ माँग लेना, तेरे बोले गए हर शब्द पे जूनियर्स को पार्टी देना अभी भी होंठों पे हँसी ला देता है ट्यूशन के नोट्स लाने के लिए दोस्तों को तेरे घर भेजना और उनके वापस आने पर तेरे बारे में हर बात पूछना उनका थोड़ा कुछ बताने पे जलन होना ये सब सोच सोच के आज भी खुश हो जाना, ऑफिस के काम के टेंशन में भी इंजीनियरिंग के दिनों को ताज़ा कर देता है....

तुम मेरे पास नहीं

कुछ याद होंगे तुम्हे वो बचपन के पल, 

कैसे आसमान को दो हिस्सों में बाट कर सितारों को तोड़ अपनी झोली में भर लिया करते थे,

तुम्हारे चेहरे पर की वो ख़ुशी देखने के लिए मैं हर बार अपने सितारों की गिनती भूल जाया करता था, 

अब की पूरा आसमान है मेरे पास, चाँद तारे भी सारे मेरे अपने हैं,

पर वो ख़ुशी मेरी नहीं जो कभी तुमसे हार कर भी मेरी थी, 

क्योंकि तुम मेरे पास नहीं।

Friday, July 23, 2021

कुछ लड़के होते है

कुछ लड़के होते है जो बचपन में ही बड़े हो जाते है. समय के पहले ही परिपक्व और समझदार हो जाते है | वो कभी भी खिलौनों के लिए ज़िद्द नहीं करते | घर की माली हालात को वो बेहतर समझते है इसलिए वो कभी भी दिवाली पे नये कपड़ों , होली में पिचकारियों की खाव्हिश नहीं करते | घर से बाहर जब पढ़ने जाते है, अपना घर , परिवार ,दोस्त यार , गलियां छोड़ , उनको भी दुःख होता है , पर वो किसी से भी कहते नहीं | दिल को मजबूत करना सिख लेते है | शहर में एक छोटे कमरे में अपना एक छोटा घर बनाने की कोशिश करते है , माँ और पिता जब भी फ़ोन कर के पूछते है, भूखा होने पर भी कह देते है की खाना खा लिया है | जितने काम में गुज़ारा चल सके सिर्फ उतना ही पैसा हर महीने घर से मंगवाते है | पैसे किताबों के लिए बचाने के लिए महीने का हाफ टिफ़िन लगवा लेते है | चाय के शौक़ीन होते है, लेकिन सिर्फ खरच काम करने के लिए रूम में ही काली चाय बनाना शुरू कर देते है | ऐसे लड़को की दोस्ती बहुत होती है, ये हमेशा सब के लिए हाज़िर रहते है | रातों को जाग जाग कर के अपनी पढ़ाई पूरी करते है | इनके पास सिर्फ दो ही जोड़ी कपडे होते है, कभी किसी अमीर दोस्त ने मज़ाक कर दिया कपड़ो को लेकर तो हंस के टाल देते है | ये लड़के सच्चा इश्क़ करना जानते है, एक ऐसा इश्क़ जहां उम्मीद नहीं होती | होता है तो सिर्फ एक तरफ़ा सच्चा इश्क़ | ऐसे लड़के कभी किसी से कुछ कहते नहीं , लेकिन सुनने की क्षमता अदभुत रखते है | इनका भी दिल टूटता है पर ये अपने दुःख से खुद को और मजबूत करते है | ये जंगल के पेड़ जैसे बन जाते है , जो हर स्तिथि में जीना सिख लेते है, हर मौसम को आत्मसात कर लेते है | ये कभी किसी से शिकायत नहीं करते है , बस हर समस्या का हल निकलना जानते है | ऐसे लड़कों से कोई नहीं पूछता की "कैसे हो", ये खुद से ही कहते रहते है "बेहतर है, चलो ये भी ठीक है " | ये अपने हर दुःख और दर्द को दफ़न कर आगे बढ़ना जानते है | ऐसे लड़के "देवदास" फिल्म देख के अपने सच्चे प्यार को याद कर आँखे भर लेते है, तनहा हो के रो लेते है | "बर्फी " फिल्म देख सोचते है , इनके लिए भी कोई आएगा अपना सब कुछ छोड़ के , और बस सोच के खुश हो जाते है | जानते है यथार्त में उनके साथ कभी ऐसा कुछ होने वाला नहीं है | लेकिन वो हर पल कुछ भी सोच के खुश होना जानते है | कभी अगर आप किसी ऐसे ही किसी लड़के के करीब आये तो उन्हें अपने सीने से लगा लेना, शायद उनके दुःख दर्द का कुछ हिस्सा बह निकले | थोड़ा समय दे इनकी भी कहानी सुन लेना , जो इन्हो ने कभी कहीं भी कही नहीं , किसी ने सुनी नहीं |

Wednesday, March 18, 2020

ज़िन्दगी का बोझ

उसने मुझसे कहा ज़िन्दगी का बोझ बहुत बड़ा होता है |
मैंने कहा किसी से एक तरफा इश्क़ कर लो
ज़िन्दगी का बोझ छोटा लगने लगेगा | 

बुनियादी फर्क

जैसे तुम मुझे से रूठ जाती हो
वैसे मैं भी रूठ सकता हूँ |
जैसे तुम मुझ से बिना बात किये रह सकती हो
वैसे मैं भी बिना बात किये रह सकता हूँ |
जैसा व्यवहार तुम मेरे साथ करती हो भी
वैसा व्यवहार मैं भी कर सकता हूँ |
जैसे तुम मेरी बिना फ़िक्र किये रह सकती हो
वैसे मैं भी तुम्हारी फ़िक्र किये बिना रह सकता हूँ |
तुममें और मुझमें एक बुनियादी फर्क है
बस वो फर्क हमेशा रहना चाहिए,
उसका ही लिहाज़ कर लेता हूँ |  

Thursday, February 6, 2020

वो भी ऐसा करता है क्या

जैसी फिक्र मैं करता हूँ,
वैसी ही फिक्र वो भी करता है क्या ।
जैसा मैं सब कुछ छोड़ के तुम्हें ध्यान से सुनता हूँ
वो भी ऐसा करता है क्या।
तुम्हें परेशान देख मेरी तरह ही
वो भी विचलित होता है क्या ।
माना जिस्मों का मिलन हुआ होगा उसका तुम्हारा
तुम्हारी रूह से मेरी रूह की तरह उसकी रूह भी जुड़ी है क्या ।
मेरी तरह वो भी यहां वहां की बातें करके तुम्हें हँसाता है क्या ।
मेरे साथ जितना सहेज महसूस करती हो,
उतना ही सहज वो भी तुम्हें महसूस कराता है क्या ।
मैं जैसी तुम्हारी तारीफें करता हूँ
वो भी तुम्हारी ऐसी ही तारीफें करता है क्या ।
मेरे लिए दुनिया में तुम जितनी जरूरी हो,
उस के लिए भी उतनी ही जरूरी हो क्या ।
मैं जब तुम्हारी उँगली पकड़ रोक लेता हूँ,
वो भी ऐसे रोकता है क्या ।
मेरे साथ जो एहसास होता है तुम्हें
वो ऐसा कोई एहसास करता है क्या ।
जैसे मैं तुम्हारी तस्वीरों को चूमते रहता हूँ, वो भी तुम्हारी हर तस्वीर को चूमता है क्या ।
मेरी आँखों में जैसे तुम्हारे लिए पानी आता है,उसकी आँखों में भी तुम्हारे लिए पानी आता है क्या ।
मैं जैसे तड़पता हूँ तुम्हारे लिए,
वो भी ऐसे ही तड़पता है क्या ।
जैसे मैं डरता हूँ हर घड़ी तुम्हे खों देने से,
वो भी ऐसे ही डरता है क्या।