तुम से दूर होना,जैसे दुःख दर्द वियोग की पराकाष्ठा को अपनी रग रग में अनुभव करना |
तुम्हारे कंधे पे सर रखना जैसे सारे दुःख दर्द वियोग का कोई तिलस्मी इलाज़ मिल जाना |
तुम्हारी गोद में चेहरे पर तुम्हारी चुनरी ओड लेना ,जैसे धरती और आसमान को एक साथ महसूस करना |
तुम्हारे हाथो का वो मख़मली एहसास, जैसे ओस की बूँद को छू लेना |
तुम्हारी वो महक ,जैसे सैकड़ों गुलाबों का इत्र |
तुम्हारे समीप होना, जैसे सुप्त और ज्वलंत ज्वालामुखी का एक साथ करीब होना |
तुम्हारी साँसों की आवाज़, जैसे बहती नदी की रवानगी |
तुम्हारी उँगलियों की वो अगूंठियाँ , जैसे किसी बेहतरीन कारीगर की कारीगिरी |
तुम्हारी आँखों की वो मादकता, जैसे पैमाने से मय का छलक जाना |
तुम्हारे होंठों की हलकी हँसी ,जैसे शांत सागर का किनारा |
तुम्हारी कमी के साथ जीना, जैसे जीवन में रोज़ कठिनाई का आना |
तुम्हारा हँस कर महसूस किये दर्द को छुपा लेना,जैसे एक परत के ऊपर दूसरी परत चढ़ा लेना |
तुम्हारी साँसो की गरमाहट,जैसे कड़ कड़ाती सर्द रातों में जलता अलाव |
तुमसे इश्क़,जैसे कोई गहरी साधना |
तुम्हारे कंधे पे सर रखना जैसे सारे दुःख दर्द वियोग का कोई तिलस्मी इलाज़ मिल जाना |
तुम्हारी गोद में चेहरे पर तुम्हारी चुनरी ओड लेना ,जैसे धरती और आसमान को एक साथ महसूस करना |
तुम्हारे हाथो का वो मख़मली एहसास, जैसे ओस की बूँद को छू लेना |
तुम्हारी वो महक ,जैसे सैकड़ों गुलाबों का इत्र |
तुम्हारे समीप होना, जैसे सुप्त और ज्वलंत ज्वालामुखी का एक साथ करीब होना |
तुम्हारी साँसों की आवाज़, जैसे बहती नदी की रवानगी |
तुम्हारी उँगलियों की वो अगूंठियाँ , जैसे किसी बेहतरीन कारीगर की कारीगिरी |
तुम्हारी आँखों की वो मादकता, जैसे पैमाने से मय का छलक जाना |
तुम्हारे होंठों की हलकी हँसी ,जैसे शांत सागर का किनारा |
तुम्हारी कमी के साथ जीना, जैसे जीवन में रोज़ कठिनाई का आना |
तुम्हारा हँस कर महसूस किये दर्द को छुपा लेना,जैसे एक परत के ऊपर दूसरी परत चढ़ा लेना |
तुम्हारी साँसो की गरमाहट,जैसे कड़ कड़ाती सर्द रातों में जलता अलाव |
तुमसे इश्क़,जैसे कोई गहरी साधना |
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