दिल कुछ भारी भारी हो जाता है
जब जब मैं आप से नफरत करने की कोशिश करता हूँ
जाने क्यों मोहबत में उम्मीदें पूरी होने की दुआ कर बैठता हूँ
मोहबत में कँहा किसी की उम्मीदें पूरी होती है
और जिस की होती है फिर वो कँहा पाक मोहबत रहती है
जिस दिन मोहबत को आज़ाद कर दिया उम्मीदों से
मेरी मोहबत को एक नई साँसे मिली और मेरे बंधन खुल गए
माना सच्ची मोहबत में उम्मीदें होती है , जलन होती है
पर एक हक़ीक़त ये भी है ,सच्ची मोहबत हमेशा तन्हा होती है
जब जब मैं आप से नफरत करने की कोशिश करता हूँ
जाने क्यों मोहबत में उम्मीदें पूरी होने की दुआ कर बैठता हूँ
मोहबत में कँहा किसी की उम्मीदें पूरी होती है
और जिस की होती है फिर वो कँहा पाक मोहबत रहती है
जिस दिन मोहबत को आज़ाद कर दिया उम्मीदों से
मेरी मोहबत को एक नई साँसे मिली और मेरे बंधन खुल गए
माना सच्ची मोहबत में उम्मीदें होती है , जलन होती है
पर एक हक़ीक़त ये भी है ,सच्ची मोहबत हमेशा तन्हा होती है
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