RAJU R UPRADE
WRITER AND POET FROM HEART.
Monday, May 13, 2013
मुकदर
एक अजीब वाक्या रोज़ मेरे साथ होता है
मेरा
मुकदर
मुझ से लड़ने आता है
मैं हमेशा जीत जाता हूँ
वो हमेशा हार जाता है
मैं जब उस से पूछता हूँ तू क्यूँ चला आता है रोज़ हार ने को
वो कहता है तुझ से हारने का मज़ा ही कुछ और आता है
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