वो कहती है कुछ जज़्बात कहे नहीं जाते
और हम ये मानते है सच्ची मोहबत से भरे जज्बात दिल ही दिल में रखे नहीं जाते
वो भी अपनी जगह सही है और हम भी
वो पृथ्वी का रूप हर बात अपने गर्भ में रखे हुए
और हम बादल पृथ्वी की तड़प देख बिना बरसे रह नहीं सकते
कुछ बेकरारी इधर भी है, कुछ बेकरारी उधर भी है,
एक दुसरे से मिलने की चाहत दिल में लिए सुग्बुआहत इधर भी है, उधर भी है
इश्क के कई नए आयाम अभी पार करने है,यही हसरत लिए,
एक दीवाना इधर भी है, एक दीवानी उधर भी है